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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org अनुबन्धी (२) बंधन । लगाव । (३) अनुसरण ( ४ ) आरम्भ | अनुबन्धी anubandhi-सं० स्त्री० १) तृष्णा, प्यास ( Thirst ) । ( २ ) हिक्का, हिचकी । ( Hiccup ) मे० हिं० वि० [ अनुबंधिन् ] [ खा० अनुबंधिनी ] ( १ ) लगाव रखने वाला, संबन्धी । ( २ ) फलस्वरूप परिणाम स्वरूप | अनुबोध anubodha f० संज्ञा पुं० गंधोद्दीपन अनुभासः anubhasah सं० पु० काक विशेष । ( A kind of crow ) ० निघ० । अनुभूत anubhūta - हिं० वि० (Experien• ced ) परीक्षित | सिद्ध । तजरवा किया हुआ । श्राजमुदा । ( २ ) जिसका अनुभव हुआ हो । agya fafter anubhúta chikitsá हिं० वि० परीक्षित इलाज | अनुभूत योग anubhūta-yoga-हिं० वि० परीक्षित योग । अनुभूत लक्षादि तैल anubhūta.lakshádi• taila - सं० पु० एक सेर लाख को चार सेर पानी में श्रौटाएँ । जब एक सेर जल शेष रहे तब उतार कर छान लें। पुनः इसमें १ सेर शुद्ध तिल तैल डालें, और चार सेर दही का जल डालें। फिर सौंफ, श्रसगन्ध, हल्दी, देवदारु, रेणुका, कुटकी, मुर्खा, कूठ, मुलहटी, मोथा, चन्दन, रास्ना प्रत्येक एक एक तोला लें, इन सबका कल्क करके उक्त तैल में डाल मन्द मन्द अग्नि से पचाएँ, फिर सिद्ध कर रक्खें। इसके मर्दन से विषमज्वर, खुजली, देह का दर्द दुर्गन्धि तथागों का स्फोटक इत्यादि दूर होते हैं । (यां० त० ज्वर० नि० ) अनुभूतिः anubhutih सं० स्त्री० त्रिवृता, त्रिबृत् - सं० । निशोत, निसोथ - हिं० । तेउड़ी बं० । 1 pomoea turpethum | दे० त्रिवृत् (ता, ह्रया ) । ३३० अनुमतम् anumatam-सं० क्ली० जहां पराए मत का निषेध नहीं किया जाए ( स्वीकार किया Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अमुरुहा जाए ) उसे "अनुमत" कहते हैं; जैसे-किंसों ने कहा है कि सात रस होते हैं और दूसरे ने इसे मान लिया, यही अनुमत हुआ । सु० उ० ६५ ० । सम्मत, स्वीकृति, एक मत । अनुमति anumati - हिं० स्त्री० श्रनुज्ञा, आज्ञा, सम्मति । ( an order, advice. ) अनुमस्तिष्कम् anumastishkam - सं० क्ली० मस्तिष्कम् ( Cerebellum ). अनुमान anumána - हिं० पु० अटकल, विचार भावना, क़यास । ( Inference, guess ) श्रनुमानी anumani - यु० मद्य और शहद मिला हुआ ( Wine and honey mixed ) । अनुमाली anumáli-यु० एक प्रकार का मद्य जिसको अंगूर को निचोड़ कर बिना पकाए ( मथ ) प्रस्तुत करते हैं। अनुमेला anumosá रू० गुले लाला, वायुपुष्प | शकायनुन्नमान - ० । ( Pulsatilla ) देखा - पल्साटिल्ला | अनुयव: aniyavah सं० पु० ( १ ) जो यव से न्यून हो उसे "अनुयव' कहते हैं । म्रा० 1 ( २ ) निःशुक यव, शुक रहित यत्र हुँद रहित । हेमा० । ( ३ ) क्षुद्रयव, यह जौ की अपेक्षा गुणहीन होता है। बा० सू० श्र० ६ शूक धान्यवर्ग । ( A sort of Barley ) अनुयोजनम् anuyojanam - सं० क्ली० ( A. pposition ) अनुरस anurasa - हिं० संज्ञा पुं० [सं०] गौण रस । श्रप्रधान रस । वह स्वाद जो किसी वस्तु में पूर्णरूप से न हो । वा० सू० । अनुराधा anuradha - हिं० [स्त्री० २७ नक्षत्रों में से १७ व नक्षत्र । The 17th Naksna. tra or lunar mansion, desighated dy a row of oblations (Stars in Libra. ) अनुरुद्दा anuruhá- सं० स्त्री० नागरमुस्ता-सं० । नागरमोथा - हिं० । ( Cyperus pertonuis ) For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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