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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनीमून अाब्ट्युज़ीलोबा अनीसन अनीमून ओबट्यज़ीलोबा anemone obtu- | siloba, Don., Royle -ले० शनीक-अ०। वायुपुष्प-सं० । रत्तनजोग, पाइर-पं० । फा० इं० १ भा० । इं० मे० प्लां० । मेमो०। अनीमून डिसकलर anemone discolor -ले० रत्तनजोग, पाडर-पं० । काकरूज -कुमा० । ई० मे० मे०। अनीमून पल्सेटिल्ला anemone pulsatilla -ले० शनायिकुन्न अमान-अ० । वायुपुष्प-सं० । (pulsatilla.) अनोमून हार्टेन्सिस anemone hartensis -ले० । बिस्तान अफ़रोज़-फा० । महूरा, कलगा। अनीमून हेपेटिका anemone hepetica -ले० लीवर वर्ट ( Liver wort)-इं० । अनोमोनिक एसिड anemonic acid -इं० तेज़ाबे--शक़ायिनुमान--१० । वायु पुष्पाम्ल--सं० । फा० इं० १ भा० । अनोमोनीन anemonin-इं० जौहर शकीक -अ० । वायुपुष्प सत्व-सं० । फा० इं०१ भा०। अनीमोनाल anemonol--इ० पीत वायुपुष्प तैल ( Yellow anemone oil ) । इं० फ़ा० १ भा०। अनीली anili-सं० स्त्री० काशतृण | A speci es of grass ( Saccharum spont___aneum) र० मा० । देखो-काशः ।। अनीलेमाट्यबेरोसा aneilema tuberosa, Ham.-ले० स्याह मुसली । मेमो०। अनीलेमा स्कैपीफ्लोरम् ancilema. scapi florum, Wight.-ले० स्याह मुसली । कुरेली -बं० । सीसमुलिया-गु० । ई० मे० प्लां । देखो -मुस ली। अनीसून anistina हिं० संज्ञा पु० [ यु.] अनीV anisun jविलायती रन्दनी । सौंफ़ रूमी-उ० । अनीसून (anison )--यु०। एनिस फ्रट ( Anise Fruit ), एनिस (Anise ), एनिसीड (Ani-seed)-इं० । एनिसाई फ्रकटस (Anisi Fructus ), fafaqaat gfaza ( pimpinella anis. um, Linn.)-ले० । एनिस( Anis )- । राज़ियानजुरू मी, राज़ियानजुश्शामी; (बीज) बर्राज़ियानजुरू मी, बर्राज़ियानजुश्शामी, हब्बुल हलो, कानुल हलो-अ० । बादियान रूमी--फा० । विलायती रधूनी-बम्ब० । छत्रक वा शतपुष्पा वर्ग (N.O. Unbellifere.) उत्पत्ति स्थान-यह एक वार्षिक पौधा है जिसका मूल उत्पत्तिस्थान मिश्र और लीवांट है; परन्तु, अब यूरुप में विशेषकर रूस और स्पेन, हॉलैंड, बलगेरिया, फ्रांस, टर्की, साइप्रस तथा अन्य प्रदेशों में इसकी कृषि होती है। फ़ारस और भारतवर्ष में यह संयुक्तप्रांत और पंजाब के विभिन्न भागों तथा श्रोड़ीसा के थोड़े भाग में पाया जाता है । अनीतूं अब उत्तरी भारतवर्ष में बोया जाता है । यद्यपि अब भारतवर्ष की भूमि इसकी प्रकृति के अनुकूल हो गई है तो भी वह इसका वास्तविक जन्मस्थल नहीं है। संज्ञा निर्णायक नोट-इंडियन मेडिसिनल प्लांट्स, इंडियन मेटीरिया मेडिका और इंडिजिनस ड्रग्स ऑफ इण्डिया इत्यादि ग्रन्थों में से किसीमें इसका संस्कृत नाम मधुरिका लिखा है तो किसी में शतपुष्प वा शताबा तथा किसी में उभय नामोंका उल्लेख अाया है जो सर्वथा भ्रमकारक है । अनीसून उनसे भिन्न प्रोषधि है। मधुरिका वा मिश्रेया अर्थात् सौंफ (बादियान) Fennel ( Foeniculum Capillaceum or Vulgare ), शतपुष्प अर्थात् सोश्रा ( शिबित्त ) Dill ( Peucedanum Graveolens ), arfezia saarg staranise( Illicium Verum ) आदि और कतिपय अन्य पोषधियों में बहुत कुछ पारस्परिक सादृश्यता के कारण प्रायः ग्रन्थोमें संज्ञा निर्णय में भूल किया गया है । इनकी विस्तृत व्याख्या के लिए यथा स्थान देखो। इसको बादियान रूमी इसलिए कहा जाता है कि इसकी शकल बादियान ( सौंफ)एवं जीरा के सर्वथा समान होती है । For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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