SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 23
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आयुर्वेदीय-कोष के सम्बन्ध में कुछ प्रमुख विद्वानों की सम्मतियाँ । श्रीश्री गौरकृष्ण शरणम् मन्माध्वसम्प्रदायाचार्य दार्शनिकसार्वभौम साहित्य दर्शनाद्या वायं तकरत्न न्यायरत्न गोस्वामि दामोदर शास्त्री, अष्टाङ्गामेडभाजां सनियमकलितादभ्रवस्तुप्रभाव, प्राद्वोधानेकचेष्टाप्रवरिणतहृदयाभिज्ञ शारीरिकाणाम् । यं.ग्यव्युत्पत्तिचुचुर्गगनशरदल व्योमभूमानजुष्टै, र युवदीयकोषः :मदमकृत नोऽकार पूर्वस्थ शब्दैः। अर्थ-अपने अपने गुणों के साथ बहुत सी ओषधियों के प्रभावों को बतलाने में यथोचित यत्न करनेवाले पण्डित और वैद्यकशास्त्र के अष्टाङ्गों का विशेष परिशीलन करनेवाले वैद्यों की योग्यता को प्रकाशित करने वाले दश हजार ढाई सौ अकारादि शब्दों से युक्त श्रायुर्वेदीय कोष ने हमको हर्षान्वित किया। इह किलेटावाप्रान्तस्थबरालोकपुरतः प्रकाशितायुर्वेदीयकोष प्रथमखण्डमकारादिकाशातयक्ष्मान्त सार्द्धशतद्वयाधिक दशसहस्रशब्द ढयमवलोक्य जिशास्वामयाविजनतासन्तोषाग्रह नामतोऽवधाय विनिर्णीय चागदवार चयसध्रीचीनताम परेषामप्यलकर्मीणतां विनिश्चिन्वन् प्रसासद्यमान मानसोऽ द सोधपरिपूर्णतामनन्तगयां जगीश्वरमभ्यर्थयमानो विरमति मुधाविस्तरादितिशम् । चैत्र शुक्ल तृतीयायां, १६६० वैक्रमादे, काश्याम् । अर्थः -- वर्तमान समय में इटावा जिले के प्रसिद्ध बरालोकपुर से प्रकाशित आयुर्वेदीय कोष के अकारादि अज्ञातयक्ष्मान्त दश हजार ढाई सौ शब्दों से सुशोभित प्रथम खण्ड को देखकर और यह समझ कर कि इससे जिज्ञासु रोगियों को संतोष होगा, वैद्य समूह को सहायता मिलेगी, एवं औरों के प्रति इसकी उपयोगिता का निश्चय करता हुआ और प्रसन्न मन से जगदीश्वर के निकट उक्त कोष की निर्विघ्न पूर्णता की प्रार्थना करता हुआ वृथा विस्तार से विरत होता हूँ। श्री चरकाचार्य काशी हिन्दू विश्वविद्यालयायुर्वेद कालेजाध्यक्ष श्री धर्मदास कविराजः । नूनमिटावाप्रान्तीय बरालोकपुर पत्तनीय श्री विश्वेश्वर दयालु शर्ममुद्रापितः श्री महलजीतसिंह रामजीतसिंहाभ्याम्विनिर्मित संस्कृताधनेक भाषासमलङ्कृतः कोषश्चिकित्सक जनानाम्परमोपकारकोवरीवर्तिमन्येयंसम्प्रतिनिरुपमस्संवृत्त इति प्रमाणयति । पौष शुक्ल १, गुरौ सं० १६६० । For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy