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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अंज़ म रिकाबी अज़.मुरुभन्फ अज म रिकाबी aazma-rikābi-१० परिकाव ।। ... बोला जाता है जहाँ एक समान दो अस्थियाँ पाई रकावास्थि-हिं । सेक्स (Stapes )-ई. जाती हैं। उदाहरणार्थ-अज माउल्अन् अर्थात् अज़म ला-इस्म लह aazma-laism-lah नासिका की दो अस्थियों और माउल्हनक अ० उस्तखॉ बेनाम । बेनाम, हड्डी-फा० । अर्थात् तालू की दो अस्थियाँ इत्यादि। अ (-बे-) नामास्थि-हि. । अजमिदह, azmidah-अ० (ब०व०), जमाद श्रॉस इन्नोमिनेटम् ( Os innominat- (१०व०) लेप, अनुलेप-हिं० । पेस्ट Pasum)-इं०। te-ई । नं.ट-क अस्थि में यह तीन भाग होते हैं - अज़ मुजारी aazmuzzouragi--१० अर्थात् (5) जर सार २४, (२) अज़मुल. अज जौरकी। नौकाकृति-हिं०। स्केफाइड चरिक, (३) ज.मुल कामह जि.नको यथा- (Sca phoid )--इ । स्थान देखिए। अज मुज़ीज azinuzzouja-अज़ मुस सु.द्ग़-१० अजमलमीaarma-immit० ज मुरलसान। उस्तखाँ बिनागोश-फा०। शंखास्थि-हिं । टेम्पोरल उसरहाने गुदान फा० । जुबान की हड्डी, यह | बोन ( Temporal bcne)-इं० । देखो. हड्डी युनानी अक्षर लामकी सी होती है और कंडान अज़ मुससु.द्ग। जिह्वामूल में स्थित है। कण्टिक स्थि-हिं० । अज म त्तक वह-aazmuttarquvah-अत्तप्रास हाइड (Os hyoid )-इं०। कुर्वह-अ० उस्तखाँ चम्बरहे गर्दन- फा० । अजमतदीaazma-vatadi-० अज.मुल अक्षकास्थि, हैंसली की हड्डी। यह संख्यामें दो वतद । उस्तखाने क्र.इदतुदिमाग़-फा०। करोटि होती हैं जो वक्ष के ऊपर प्रीवामूल में स्थित हैं। तलास्थि । जतूकारिथ-हिं० । रफीनाइड विकल (Clavicle)-ई। बोन (Spber oid bone)-ई० । | अज़ मुद्दम् aazmuddama-० अज मु. अज़म शबियह बिल्मइय्नीaazma-shabiyha; लमान, अजम ज़ फ्री । उस्तखाँ गोशहे-चश्म, bilmaaiyni-अ० अलशबियह बिल मुन्ह रिफ़। उस्तखाने मरश्क-फ़ा० । अवस्थि, आँसू की ट्रैपीजाइड (Trapezoid)-५०। हड्डी, जो अन्तरीय चक्षुकोण में नख के बराबर अज़ मसिन्दानी aazma-sindani-१० अस्सि होती है। लैक्रिमल (Lacrimal )-इं०। दान । नेहाई, कर्णान्तरस्थ शूमिकास्थि-हिं० । अजमरज फह, aazmurrazfah ०जमुरु इङ्कस ( Incus) ई०। ___ कबह । उस्तखाने जानू-फ्रा० । पाली, जान्वस्थि अज्मह ajmah-१० नैज़ार, नेस्ताँ-फा० । दल- -हिं० । पैटला ( Patella) ई०। दल, फँसाव-हिं० । मार्श (Marsh)-इ. अज़.मुल अकूब aaz mul-aaqba-अलअन्न य-०। अजमा aazma-० मापभेद। यह सात श्रौनि. उस्तखाने पाश्नह-फ० । पारयस्थि, पाणि, यह या उनतीस तोला ८ मा० २ रत्ती २६ तो० एड़ी, कूर्च-हिं । कैलकेनियम ( Calca८ मा० २ र०) के बराबर होता है । A meas- meum), श्रास कैहिरूस (Os calcis), urement equal to 29 tolas,8ma हील ( Heel)- ई० । shas & 2ratis. अज़ मुल अजुज़ aazmul aajuz-० अज मुल अज्मा aajmaa-अ० बहीमह, चौपायह-उ०।। अज्ब, अज मुल् अरीज, अल अजुज | उस्तखाने वह ली जो शुद्ध बात न कर सके, गूंगी या | सुरीन फा० । त्रिकास्थि-हिं० । सैक्रम हकली स्त्री-हि। (Sacrum )-इं०।। अजमान aazmāna-अ० (अज़ म का द्विवचन) अज़ मलअन्फ़ aazmul-arfa-अ० उस्तखाने दो अस्थियाँ, किसी स्थानकी दो अस्थियाँ । श्वच्छेद- बीनी-फा० । मासास्थि-हिं० । नेज़ल बोन शास्त्र की परिभाषा में यह शब्द ऐसे स्थान पर | (Nasal bone) -ई०। For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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