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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अङ्गमेजयत्वम् ६६ अङ्गविकल सम्मान्धी केन्द्रों की उत्तेजना को कम करके ऐसा (२) (Act. of anointing ) अनुलेप प्रभाव उत्पन्न करते हैं। करना। अंगमर्द प्रशमन औषयों का उपयोग-जब । अङ्गार-हिन्दी anghare-hindi-अ०, वां० वेदनाधिक्य के कारण व्यग्रता एवं अनिद्रा जन्य | फा० अढ़उल, गुदहल, जवा, जासून-हिं० । कन्ट हो तो ऐसी दशा में डायरेक्ट जेनरल ऐनो जासूत, गुदेल, कुढ़ल-द० । जपा-पष्पम्-सं० डाइन्स (प्रत्यक्ष व्यापक वेदना शानक ] को | Hibiscus rosa-sinensis, Linn. उपयोग में लाना चाहिए। ( Flowers of-)-स० फा० ई०। अस्तु, अफीम अथवा उसके सत्व मार्फीन | अङ्गरापान angari-pāna-हिं० ताम्बूल भेद (A sort of betel) (Morphine) का येन-केन-प्रकारेण प्रयोग अत्यन्त लाभदायी सिद्ध होता है। विशेषतः श्रङ्गरुहम् anga-ruham-सं० क्ली० (Hain) मार्फीन के स्वस्थ सूचि प्रवेश (अन्तः क्षेप) रोम, बाल, लोम। करने से वेदना तत्काल शांत हो जाती है।। अङ्गहा anga-ruha-सं० स्त्री० (Hair ) युरिनस कॉलिक अर्थात् वृक्क घेदना में वेला लोम, केश। डोना के बड़ी मात्रा में उपयोग में लाने से बहुत अङ्गलाघवम् anga-laghavam-सं० को लाभ होता है । किन्तु जब यह अभीष्ट हो कि ( Lightness of the body.) कायवेदना तरक्षण शान्त होजाय तो उक्र अवस्था में लघुत्व, शरीर का हल्कापन । वा० उ० १६ ( General anesthetic) व्यापक श्र०। अवसादक औषध उपयोग में लाना चाहिए। अङ्गनीह्न anga-lihna -हिं० पुसुम्बुलखताई, यथा प्रसवकाल व यकृत वेदना तथा वृक वेदना बालछड़ भेद ( Garden angelica) प्रभृति में फेनेज न जेजसीमियम और न्यूटिल क्रोरल प्रभति वात वेदनाओं में अधिक लाभ अङ्गलेपः anga-lepah-सं० पु. चन्दनादि दायी होते हैं। द्रव्य, अनुलेपन, लेप ( Limiment.)। अङ्गमेजयत्वम् angamejayatvam-सं० | अगलेपन anga-lepana-सं० पु. (१) उबटन की० श्रङ्गकम्पन, देहकम्प, शरीर का कॉपना। ( A paste for scouring the (Shivering) ____skin) (२) The hair wash | फा० अगरतः anga-raktah-सं० पु. (Mon. इं० २ भा०। key face tree ) कम्पिल्ल, कमीला। अङ्गलोड्यः anga-lodyah सं० पु. कमला गुड़ि-बं० श्रम। आर्द्रक, श्रादी-हि। प्रादा-बं०। Ginger अगरक्षिणी anga-rakshini-सं० स्त्री० (Amomum Zinziber.) (२) अङ्गत्राण । साँजोया-बं। वैश०। Marsilea Dentata-चिचोटक तृण । अङ्गरा anghari-यु. Hibiscus Rosa- अङ्गवः agnavah-सं० पु. ( Dryfruit) sinensis, Linn. ( Flowers of-) शुष्क फल, सूखा हुश्रा फल । श० च०। गुडहल, जपापुष्प-सं०। उड़उल-हिं०। श्रङ्गवस्त्रोत्था anga-vastrottha-सं० स्त्री० (White Ajowan-fruit ) श्वेत भङ्गरागः anga-rāgah-सं० पु. अन लेपन द्रव्य । यथा-कुकुमादि अनुलेपन द्रव्य, लेप, यमानी, सुफेद अजवाइन । जोयान-बं० । वै. श । गात्र रञ्जन द्रव्य । (Scented cosmetic | application of perfumed ungu- अङ्गविकल anga.vikala -हिं० वि० ( Ma. ents to the body, Fragrant imed, paralysed ) विकलांग ( Fainunguent, Liniment.) मालिश-अ०। ting ) मूर्छा : For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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