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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अष्टांगहृदयकी। ७१ बिषय इमली आदि लकुच को अवरत्व त्यागने के योग्य शाक फलादि विविधि औषध वर्ग-लक्षण सेंधानमक संचल नमक विडनमक सामुद्रनमक उद्भिद नमक काला नमक काच नमक लवण का प्रयोग जवाखार के गुण सर्जकादिक्षार हींग के गुण हरड के गुण आमले के गुण चहेडे के गुण त्रिफला के गुण चार्तुजात और विजात मिरच के गुण पीपल के गुण सोंठ के गुण अदरख के गुण चव्य पपिलामूल चीते के गुण पंचकोल महापंचमूल लघुपंचमूल मध्यम पंचमूल जीवन पंचभूल तृण पंचमूल उध्याय का उपसंहार सप्तमोऽध्यायः । वैद्यका स्थान विष से अन्नपान की रक्षा पृष्टांक | बिषय पृष्ठांक | विषदूषित भातके लक्षण विषदूषित शाक विषदूषित अन्य पदार्थों की परीक्षा , | विष देनेवाले के लक्षण विषदक्षित अन्नकी अग्नि में परीक्षा पक्षियों द्वारा विषपरीक्षा विषस्पर्श का फल | मुखमें लगा हुआ विष आमाशयस्थविष ताम्रचूर्ण प्रयोग हेमचूर्ण के गुण विरुद्ध भोजन दुध के विरुद्ध फल दुग्ध विरुद्ध धान्य दुग्ध विरुद्ध शाक अन्य विरुद्ध मांसादि पीपल के विरुद्ध पदार्थ अन्य विरुद्ध द्रव्य दूध के विरुद्ध शहत के विरुद्ध असमान शहत धी तिलकल्क और पोई बगुला के विरुद्ध पदार्थ तीतरादि मांस और अरंड हारित और हारिद्र विरुद्ध का शमन विरुद्ध सेवन के योग्य शरीर बिरुद्ध भोजन के योग्य पथ्यापथ्य की सेवन त्याग विधि , सहसा पथ्या पथ्य के त्याग का फल ,, क्रमका फल अहिता हार सेवन का परित्याग दीर्घायु की विधान आहार योजना ७१ निद्रा की आवश्यकता "! अनियमत निद्रा का फल For Private And Personal Use Only
SR No.020075
Book TitleAshtangat Rudaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVagbhatta
PublisherKishanlal Dwarkaprasad
Publication Year1867
Total Pages1091
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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