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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उत्तरस्थानं भाषाटीकासमेतम् । (८८१) और बहुतसे मांसोंके अंकुरोंसे व्याप्त और तीव तृषा ज्वर शिरके शूलसे संयुक्त ॥ १० ॥ और सन्निपातसे संचयको प्राप्त हुई और शतघ्नी शस्त्रकी समान अत्यन्त पीडाको करनेवाली वर्तिहोवे वह शतघ्नी रोग कहाताहै ॥ व्याप्तसर्वगलः शीघ्रजन्मपाको महारुजः॥ ५१ ॥ पूतिपूयनिभस्त्रावी श्वयथुर्गलविद्रधिः॥ और संपूर्ण गलेमें व्याप्त और शीघ्रपाक और जन्मसे उपजाहुआ और महापीडासे संयुक्त ॥५१॥ और प्रतिस्त्रावके समान स्रावसे संयुक्त शोजा उपजै वह गलविद्रधि कहातीहै ॥ जिह्वावसाने कण्ठादावपाकं श्वय) मलाः ॥५२॥ जनयन्ति स्थिरं रक्तं नीरुजं तद्गलार्बुदम् ॥ और जीभके अंततक कंठ आदिमें पाकसे रहित शोजेको वातआदि दोष ॥ ५२।। उपजातेहैं, . परन्तु यह स्थिर रक्त और पीडासे रहित शोजा उपजाताहै वह गलार्बुद रोग कहाताहै ।। पवनश्लेष्ममेदोभिर्गलगण्डो भवेबहिः॥ वर्द्धमानः स कालेन मुष्कवल्लम्बते निरुक् ॥५३ ॥ वायु कफ और मेदसे गलेके बाहिर गलगंड रोग उपजताहै. पीछे कालसे बढताहुआ यह पीडासे रहित और अंडकोशकी तरह लटकताहै ॥ ५३॥ कृष्णोऽरुणो वा तोदाढयः स वातात्कृष्णराजिमान् ॥ वृद्धस्तालुगले शोषं कुर्य्याच विरसास्यताम् ॥ ५४ ॥ वायुसे काला अथवा लाल और चभकासे संयुक्त और काली पंक्तियोंवाला गलगंड होताहै, यह बढाहुआ गलमें तालुशोषको और मुखके विरसपनेको करताहै ।। ५४ ॥ स्थिरः सवर्णः कण्डमाञ्छीतस्पर्शो गुरुः कफात् ॥ वृद्धस्तालुगले लेपं कुर्य्याच्च मधुरास्यताम् ॥ ५५॥ कफसे स्थिर और समान वर्णसे संयुक्त और खाजवाला शीतल स्पर्शवाला और भारी गलगंड उपजताहै,पीछे बढाहुआ यह तालूमें और गलेमें लेपको करताहै और मुखमें मधुरपनेको करताहै॥५५॥ मेदसः श्लेष्मवद्धानिवृद्धयोःसोऽनु विधीयते ॥ देहं वृद्धश्च कुरुते गले शब्दं स्वरेऽल्पताम् ॥ ५६ ॥ मेदकी वृद्धिसे उत्पन्नहुआ कफका गलगंड गलगंडके लक्षणोंसे उपजताहै वह देहको हानि और वृद्धिसे करताहै अर्थात् देहकी वृद्धिमें बढताहै और देहके क्षयपने क्षीण होताहै, और बढाहुआ यह गलेमें शब्दको और स्वरमें अल्पताको करताहै ॥ ५६ ॥ For Private and Personal Use Only
SR No.020074
Book TitleAshtangat Rudaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVagbhatta
PublisherKhemraj Krishnadas
Publication Year1829
Total Pages1117
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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