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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (७६२) अष्टाङ्गहृदयेतं घृतम् ॥ क्षीरमस्तुयुतं हन्ति शीघ्रं दन्तोद्भवोद्भवान्॥४२॥ विविधानामयानेतदृद्धकश्यपनिम्मितम् ॥ मजीठ धायके फूल लोध सोना पाठा खरेहटी गंगेरन इंद्रायण क्षुद्रमोथा बेलगिरी ॥ ४१ ॥ बिनोले इन्होंके पानीमें दूध और दहीका पानी मिलाय साधितकिया घृत शीघ्र दंतोंके उपजनमें उपजे ॥ ४२ ॥ अनेक प्रकारके रोगोंको नाशताहै यह वृद्धकश्यपजीने रचाहै । दन्तोद्भवेषु रोगेषु न बालमतियंत्रयेत् ॥ ४३॥ स्वयमप्युपशाम्यन्ति जातदन्तस्य यद्दाः॥ और दंतोंके उपजनेके वक्त उपजे रोगोंमें वालकको अतियंत्रित नहीं करै ॥ ४२ ॥ क्योंकि दंतोंके उपजने पश्चात इस बालकके रोग आपही शांत होजातहैं ॥ अत्यहः स्वप्नशीताम्बुश्लेष्मिकस्तन्यसेविनः ॥४४॥ शिशोः कफेन रुद्धेषु स्रोतःसु रसवाहिषु॥ अरोचकः प्रतिश्यायो ज्वरः कासश्च जायते ॥४५॥ कुमारः शुष्यति ततः स्निग्धशुक्लमुखेक्षणः॥ और अतिशयकरके दिनका शयन शीतलपानी कफसे दुष्टहुआ दूध इन्होंके सेवनेवाले ॥४४॥ बालकके कफकरके रुकेहुये स्रोतोंके और रसवाहिनी नाडियोंके होजानमें अरोचक पीनस ज्वर खांसी उपजतेहैं ॥ ४५ ॥ पीछे स्निग्ध शुक्ल मुख और नेत्रोंवाला वह बालक सूखता रहताहै ॥ सैन्धवव्योषशाङ्गेष्टापाठागिरिकदम्बकान् ॥ ४६॥ शुष्यतो मधुसर्पियामरुच्यादिषु योजयेत् ॥ और सेंधानमक झूठ मिरच पीपल करंजवल्लि पाठा भारीकदंबको ॥ ४६ ॥ शहद और घृतसे संयुक्तकर सूखतेहुये बालकके अरुची आदिक रोगोंमें प्रयुक्तकरै ।। अशोकरोहिणीयुक्तं पञ्चकोलं च चूर्णितम् ॥४७॥ बदरीधातकीधात्रीचूर्णं वा सर्पिषाप्लुतम् ॥ अशोक हरडै पीपल पीपलामूल चव्य चीता सूंठके चूर्णको ॥ ४७ ॥ अथवा घृतकरके संयुक्त किये बडबेरी धायके फूल आमलेके चूर्णको योजितकरै ॥ स्थिरावचाद्विबृहतीकाकोलीपिप्पलीनतैः॥४॥निचुलोत्पलवर्षाभूभाीमुस्तैश्च कार्षिकैः॥ सिद्धं प्रस्थार्द्धमाज्यस्य स्रोतसां शोधनं परम्॥४९॥सिंह्यश्वगन्धा सुरसाकणागर्भं च तद्गुणम्॥ और शालपर्णी वच दोनों कटेहली काकोली पीपल तगर॥ ४८ ॥ जलवेत नीलाकमल शांठी भारंगी नागरमोथा ये एक एक तोले ले इन्होंके संग सिद्धकिया ३२ तोले घृत स्रोतोंको For Private and Personal Use Only
SR No.020074
Book TitleAshtangat Rudaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVagbhatta
PublisherKhemraj Krishnadas
Publication Year1829
Total Pages1117
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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