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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चिकित्सास्थानं भाषाटीकासमेतम् । (५०९) पाटा मधुरसा दारु सरलं निशि संस्थितम् ॥ ३० ॥ सुरामण्डेल्पलवणं पिबेत्प्रसृतिसम्मितम्।।भांर्भाशुंठ्यौ सुखाम्भोभिः क्षारं वा मरिचान्वितम् ॥३१॥ स्वक्वाथापिष्टां लुलितां वाष्पिका पाययेत वा॥ पाठा मुलहटी देवदारु सरलवृक्षको ॥ ३० ॥ मदिराके मंडमें स्थापितकर और रात्रिमात्र स्थापितकरै, पीछे कुछेक लवण मिलाय तोले प्रमाणसे पीवै, अथवा भारंगी और सूंठको कुछेक गरमकिये पानीके संग पवि, अथवा मिरचोंसे संयुक्त किये हुए जवाखारको पीवै ॥ ३१॥ अथवा हिंगुपत्रोंके क्वाथमें पीसी हुई और हिंगुपत्रकि काथमें आलोडित कीहुई हिंगुपत्रिकाको पान करावै ॥ स्वरसः सप्तपर्णस्य पुष्पाणां वा शिरीषतः॥३२॥हिमाश्वासे मधुकणायुक्तःपित्तकफानुगे॥ उत्कारिकातुगाकृष्णामधूलीघृ. तनागरैः॥३॥पित्तानुबन्धे योक्तव्या पवने त्वनुबन्धिनि॥श्वा विच्छशामिषकणाघृतशल्यकशोणितैः॥३४॥पिप्पलीमूलमयदगडगोऽश्वसकृद्रसान् ॥ हिमाभिस्पन्दकासनॉल्लिह्यान्मधु घृतान्वितान् ॥३५॥ अथवा सातलाके पुष्पोंका रस अथवा शिरसके पुष्पोंका रस ॥ ३२ ॥ शहद और पीपलसे . युक्त किया पित्तकी सहायतावाले हिचकी और श्वासमें पीना हितहै और वंशलोचन पीपल गोधूम घृत सूंठ करके करीहुई लप्सिका ॥ ३३ ॥ पित्तकी सहायतावाले हिचकी और स्वासमें युक्तकरनी योग्य है और पवनकी सहायतावाले हिचकी और श्वासमें शेह और शशाका मांस घत बडी गोहके सदृश बिलमें रहनेवाले जीवका रक्त इन्होंकरके बनीदुई लप्सिका युक्त करनी योग्य है ॥ ३४ ॥ पीपलामूल मुलहटी गुड गाय तथा घोडाकी लीदका रस इन्होंमें शहद और घृत मिलाय चाटै तो हिचकी अभिष्पंद खाँसीका नाश होता है ॥ ३५॥ गोगजाश्ववराहोष्ट्रखरमेषाजविसम्॥समध्वेकैकशो लिह्यावहु श्लेष्माथ वा पिवेत्॥३६॥ चतुष्पाचर्मरोमास्थिखुरशृङ्गोद्भवा मधीम् ॥तथैव वाजिगन्धाया लिह्याच्छासी कफोल्वणः ॥३७॥ शटीपुष्करधात्री पौष्करं वा कफान्वितमागैरिकां जनकृष्णां वा स्वरसंवा कपित्थजम् ॥३८॥रसेनवा कपित्थस्य धात्रीसैन्धवपिप्पलीः ॥ घृतक्षौद्रेण वा पथ्याविडंगोषणपिप्पलीः ॥३९॥ कोललाजामलद्राक्षापिप्पलीनागराणिवा ॥ For Private and Personal Use Only
SR No.020074
Book TitleAshtangat Rudaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVagbhatta
PublisherKhemraj Krishnadas
Publication Year1829
Total Pages1117
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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