SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 39
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विषय. e. २१२ . ५ .. . (३६) अष्टाङ्गहृदयसंहिताकीविषय. ब्यानवायुसे रसका संचार....। तिन मर्मों का स्थानविभाग जठराग्निको श्रेष्ठत्व .... अंत्रके भेद .... ... .... ३१३ तीक्ष्ण अग्निका कर्म .... मूत्राशयादिक मर्मस्थानोंके मंदअग्निका कर्म .... .... स्वरूप विचार तीन प्रकारका देह बल मोंके स्थान और अपघातके सहज बलका लक्षण उपद्रव विचार .... .... ". कालजबलका लक्षण रोगोंको मर्माश्रितपना७०.... ... ३२१ युक्तिजबलका लक्षण अथ पञ्चमोऽध्यायः ५. जांगलदेशका लक्षण अथ प्रकृतिविज्ञानीयाध्याय .... अनूपदेशका लक्षण रिष्टाख्य मृत्युका चिह्न .... ... साधारणदेशका लक्षण .... .... रिष्ट नहीं होनेसे मृत्युका अभाव .... देहमें रस तथा जलकी स्थितिका रिष्टकेआभासमें मृत्युका अभाव .... विचार .... ... दोषोंकी शांतीसे रिष्टकी शांति .... , दूध तथा आर्तवके स्थितिका रिष्टका लक्षण ... .... ... विचार . ... ... .... " पाप्मासिक मृत्युके लक्षण ... प्रकृतीके सात भेद ... .... मासांतमें मृत्यका लक्षण... ... वातका प्राबल्य .... .... अर्धमासमें मृत्युका लक्षण.... .... वातप्रकृतिवाले मनुष्यों के लक्षण ... वर्षमें मृत्युका लक्षण .... .... पैत्तिक मनुष्योंके लक्षण ..... .... मृत्युहोनेके अनेक लक्षण... .... ३२६ कफप्रकृतिवाले मनुष्योंके लक्षण ... ३०८ पंचमहाभूतनके छायासे मृत्युके प्रकृतिकी उत्पत्ती दो दोषोंसे ...: लक्षण .... .... ... अवस्थाका परिमाण .... .... पैरआदिनके चेष्टासे मृत्युके शरीरका प्रमाण .... .... .... ३१० ___ लक्षण ..... ... .... ३२८ शतायुषी शरीरके लक्षण... छः दिनमें मृत्युके लक्षण.... .... ३३० बलप्रमाणका विचार .... ... ३११ बलवान् ज्वरसे मृत्यु पुण्यआयुष्यवृद्धयर्थ सुमंगल छर्दिसे मृत्यु .... .... __ कर्म १२० .... .... .... , बवासीरसे मृत्यु ... .... ३३२ ___ अथ चतुर्थोऽध्यायः ४ अतिसारसे मृत्यु .... अथ मर्मविभागशारीर अध्याय .... ३१२ । फुनसियांसें मृत्यु .... ..... एकसो सात मर्म .... .... ,, । चिकित्सा त्याज्य रोगी .... .... .... ३३५ ३२३ ३२४ ३३ For Private and Personal Use Only
SR No.020074
Book TitleAshtangat Rudaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVagbhatta
PublisherKhemraj Krishnadas
Publication Year1829
Total Pages1117
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy