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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ( ३४ ) विषय. क्षीणवीर्य में वीर्यवर्द्धक क्रिया उत्तरबस्ति प्रयोग चारप्रकारके दुष्ट आर्तव उपचार गर्भयोग्य शुक्रका लक्षण गर्भयोग्य आर्तवका लक्षण पुरुषके दुग्ध आदि उपचार स्त्रियोंके तैल आदि उपचार **** **** .... *100 ऋतुमती स्त्रीका लक्षण ऋतुमती स्त्रीके नियम पुत्रप्राप्तिके अर्थ भर्तृमुखदर्शन गर्भस्थितिके कालपरत्वसे पुत्रकन्याप्राप्ति पुत्रीयकर्मका उपदेश संगतिमें संमति दुष्टअपत्यको कुलांगारत्व पुत्रचिंतनका प्रकार शय्याके ऊपर आरोहणविधि शय्या पर आरोहणका मंत्र गर्भधारणके लक्षण ... .... अष्टाङ्गहृदयसंहिताकी ... **** ... ... .. ..... .... .... ... **** ... ... **** .... कालकर के गर्भके आकारविपरिणाम पुंसवनकर्मका उपदेश तथा विधि... गर्भिणीको वर्ण्यकर्म अपथ्य सेवन से गर्भविकार दूसरे महीने में पेशी आदिआकार प्रगट गर्भके लक्षण स्त्रीके मनोरथ पूरे करना मनोरथ पूरे न करनेसे गर्भदोष तीसरे मास में अंगपंचकोत्पत्ति .... **** **** 9.30 8.00 www.kobatirth.org **** पृष्ठ. २६९ " "" ,, "" "" २७० 35 33 २७१ "" "" "" "" 77 39 २७२ "" २७३ 27 २७४ 39 "" २७५ "1 29 " Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विषय. गर्भपोषण प्रकार चौथे मासमें गर्भकी व्यक्त• अंगता पांचवे मास में चेतना छठे मासमें स्नायु आदि । सातवे मासमें सर्वांगसंपूर्णता गर्भिणी के उपचार आठवे मासमेंके उपचार ... .... For Private and Personal Use Only **** .... .... .... **** *** **** 1140 ... नवममासके उपचार कन्या पुत्र गर्भलक्षण सूतिकागृहसेवाका प्रकार समीप प्रसूतिके लक्षण प्रसूतिकालके उपचार शीघ्रप्रसूतिके उपाय प्रसूतीके अनंतर जेर पातनके उपाय २८० 73 २८१ बालकके उपचार क्षुधावाली प्रसूतास्त्री औषधोपचार सूतिकात्वनिवृत्ति १०२..... .... **** 8.00 c... .... **** ... .... अथद्वितीयोऽध्यायः २ 6445 .... .... .... .... .... .... पृष्ठ. २७६ अथ गर्भव्यापदनामक अध्याय २८३ गर्भिणीका फूल दीखे तहां उपचार गर्भपात होवे तहां उपचार योनिस्रावमें उपचारकल्पना उपविष्टकका लक्षण नागोदरका लक्षण लीनगर्भकी चिकित्सा गर्भवृद्धि के उपाय उदरमृतगर्भके लक्षण 22.0 17 **** 12 $7 २७६ 29 २७७ 95 २७८ 77 २७९ 11 27 २८२ " २८४ २८५ 17 79 "" 11 २८६
SR No.020074
Book TitleAshtangat Rudaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVagbhatta
PublisherKhemraj Krishnadas
Publication Year1829
Total Pages1117
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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