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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (१८) अष्टाङ्गहृदयसंहिताकी विषय. पृष्ट. ... ... १७ .... .... ६४ नवधान्यगुण मंडादिकोंके पूर्वपूर्वक्रमसे लाघव भंडगुण पेयागुण .... ... विलेपीगुण .... ओदनलक्षण सर्वपदार्थसमूहन मांसरसलक्षण ... मौद्गरसलक्षण ... कौलत्थरसलक्षण ... शांडाकीवटकागुण... पानकगुण लाजागुण पृथुकगुण.... धानागुण .... सक्तुगुण .... .... पिण्याकलक्षण ... वेसवारगुण ... मुद्गादिजातवेसवारलक्षण ... कुकूलादिपाचितापूपोंकोउत्तरोत्तरलवुत्व हरिणादिदशमृग ... ...... लावादिकएकविंशतिविष्किर जीवंजीवादिदशप्रतुद भेकादिकचारबिलेशय गवादिकगुंत्रीसप्रसह वराहादिदशमहामृग हंसादिआपचरसंज्ञक रोहितादिमत्स्य .... आठप्रकारका मांस भष्टविधमांसमें विचार .... विषय. जांगलोंका लक्षण .... शशगुण .... .... तित्तिरिगुण शिखिगुण कुकुटगुण ग्राम्यकुक्कुटगुण .... करोपचक्रकगुण .... काणकपोतगुण ..... .... चटकगुण बिलेशयादिकोंकोयथोत्तरश्रेष्ठत्व महामृगगुण प्रसहगुण .......... आजमांसगुण आविकमांसगुण गोमांसगुण महिषमांसगुण वराहमांसगुण .... मत्स्यगुण चिलिचिममत्स्यगुण __ .... लावादिकोंको यथोत्तरवरत्व सद्योहतमांसको शुद्धत्व .... मृतमांसादित्याग .... पुरुषस्त्रियोंकामांसभेद शाकवर्ग पाठादिशाकगुण .... राजक्षवगुण .... .... वास्तुकगुण .... .... काकमाचीगुण .... चांगेरीगुण पटोलादिकोंके गुण .... " .... " .... " .... " .... " पाशुपण ... For Private and Personal Use Only
SR No.020074
Book TitleAshtangat Rudaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVagbhatta
PublisherKhemraj Krishnadas
Publication Year1829
Total Pages1117
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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