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________________ एसीटोन १८१० যাদ্ধ। एसीटोन-[अंo aceton ] अलकतरेका एक संयो- एसेंशिया-एनीसाई- ले० essentia-anisi ] जक द्रव्य। (Essence of Anise) अनीसून सार । एसीटोपाइरीन-[अं॰ acetopyrin ] एक श्वेत एसेंशिया-कैम्फोरी-[ले. essentia camph स्फटिकीय चूर्ण, जो फीनेजून और एसोटिक एसिड orae ] कपूरसार । कपूरार्क । (शुक्राम्ल) के योग से प्रस्तुत होता है। दे० । एसेंस-संज्ञा पुं॰ [अं॰ essence ](9) रासा"फेनेज़न"। यनिक प्रक्रिया द्वारा खींचा हुआ पुष्पों की सुगंधि का सार । पुष्प-सार । अतर । (२) वनस्पति श्रादि । एसीटोफेनून-अं० acetophenone ] यह एक का खींचा हुआ सार । अर्क । अरक । (३)सुगंधि । वर्णरहित द्रव है । दे. "फेनेज़न" । एसेंस आफ एनिस-[अं0 essence of anise] ए. सी० मिक्सचर-[अं० A. C. mixture ] अर्क अनीसून । अनीसून सार । एलकोहल और क्लोरोफार्म का एक योग । दे० | एसेंस-आफ केम्फर-[अं॰ essence of cam"कोरोफार्मम्"। ___ phor ] कर्पूरार्क । अर्क कपूर । एसलीस-य०1 एक वनस्पति, जिसकी पत्ती कुलूमस एसोपगोल-गु०] ईसबगोल । की तरह होती है और उन पर बहुत से रोंगटे एस्करोटिक्स-[अं॰escharotics]दे० "कॉष्ठिक” । होते हैं। इसकी पत्तियाँ जड़ के आस-पास से एस्केलीन-[अं० escalin ] दे॰ 'इस्क्युलस-हिप्पो फूटती हैं। इसका तना चौकोर खुरदरा एवं मीठा कैप्टेनम्"। होता है। फल मटर के दाने के बराबर होता है। एस्कोल्टज़िया-कैलिफोर्निका-[ ले० escholtg. प्रत्येक फली में दो दाने होते हैं । इसकी जड़ बहु- ia-californica ] एक पौधा विशेष । शाखी होती है । शाखाएँ लम्बी और मोटी होती एस्क्युलेण्ट-ओक्रो-[अं. esculent okro] हैं जो सुखकर कड़ी और काले रंगकी हो जाती हैं। भिण्डी । रामतुरई। गुण-इसकी जड़की शाखाओं को क्वथित कर एस्क्युलेण्टल-फाकुर्छाई-[ले. बकुची । सोमराजी । पीने से मुंह की राह रकपात होना बंद हो जाता | एस्पीन्हो-डू-लेड्रा-[पुर्त०a spinho-do-ladra] है। सीने और कंठ की खुश्की एवं पार्श्वशूल और लिमड़ी। काँच । दहन-(मरा०)। काकटोहुली गृध्रसी को लाभ पहुंचता है। इसको पीसकर (मल.)। शहद के योग से अवलेह प्रस्तुत किया जाता है, | ऍड़ी-संज्ञा स्त्री० [सं० एरण्ड] एक प्रकार का रेशम जिसमें उपरोक गुण पाया जाता है । (ख० अ०) का कीड़ा जो अंडी के पत्ते खाता है। यह पूर्वी एसेश-[ बम्ब० ] कुदुर। लोबान । बंगाल तथा अासाम के जिलों में होता है। एसेंशल-आइल आफ कैम्फर-[अं॰ essential नवम्बर, फरवरी और मईके महीने में रेशम बनानेoil of camphor ] कपूर का उड़नशील वाले कीड़ों का रेशम उत्तम समझा जाता है। तैल । मूगा से अंडी का रेशम कुछ घटकर होता है । एसेंशल-आइल्ज़-[अं० essential oils ] सुगं- (२) इस कीड़े का रेशम । अंडी । मूंगा । (३) धित तैल । उड़नशील तैल । पाणी । पैर का उभड़ा हुश्रा पिछला हिस्सा । (ऐ) ऐ-संस्कृत वर्णमाला का बारहवाँ और हिन्दी वा देव- ऐकशफ-संज्ञा पुं॰ [सं० क्री० ] (१) नागरी वर्णमाला का नवाँ स्वरवर्ण । इसका . गदही । (२) गदही का घी। गईभी घृत । उच्चारण-स्थान कंठ और तालु है। सु।
SR No.020062
Book TitleAayurvediya Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1942
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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