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________________ - कसंगु . २३५१ कसचुज्जरीरः - [राजपु० ] खस । उशीर ।। कसनस्पा-[सं०? ' एक प्रकार का शीशम । कसंगु-[मदरास] Phoenix farinifera, कसना-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री.] एक प्रकार का जहRoxb. पलवत। रीला मकड़ा । एक प्रकार का कृच्छ, साध्य क्स अर्तामा अर्गला-[सिरि. ] बख्नुरमरियम् । लूता। कसई-संज्ञा स्त्री० दे. "कसी' वा 'केसई"। कसनोत्पाटन-संज्ञा पुं० [सं० पु.] अडूसे का ५. संज्ञा स्त्री० [ देश० मरा०] बाँस । वंश। पौधा जो खाँसी को निमूल कर देता है । वासक । - संज्ञा स्त्री० [ देश० मरा०, बम्ब० ] जंगली श० च। - ज्वार । रानमकाई [मरा.) Coix Lacryma, | कसपत-संज्ञा पुं० [ देश०] (1) काले रंग का Linn. कूटू । काला काफर । (२) कूटू का पौधा । कसई-च-वीज-मरा० ] गरेभा । जंगली ज्वार। | कसरिया छाल-सज्ञा स्त्री० [अं. कस्पेरिया+हिं. छाल ] अंगस्तूरा की छाल । कसई वीज-[बम्ब० ] जंगली ज्वार । रान मकाई । कसक-संज्ञा स्त्री० [सं० कष्=आघात, चोट ] वह कसत्त-संज्ञा पुं० [ देश० ६०] मोगबीरे का पत्ता। पीड़ा जो किसी चोट के कारण उसके अच्छे हो कसब-सज्ञा पुं० [अ०][ वि० कसवी ] (1) जाने पर भी रह-रह कर उठे। मीठा मीठा दर्द । परिश्रम । मेहनत पेशा। साल । टीस। (२)[संज्ञा स्त्री०कसबीछिनाला व्यभिचार। - संज्ञा पुं॰ [फा० ](१) भूना हुआ गोश्त। | कसब-अ.] (१) नली। नालीदार हही । कलिया । (२) अनीक। जोनदार हड्डी। (२) साँस की नली। श्वासकसकसी-[ कना, को०] खसखस । पोस्ते का | नलिका । वायु प्रणाली । (३) बाँस । नै। दाना। कसव:-[अ० (१) धास्वर्थ नली। नाली। - कसका-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री० , कसौंदी । कासमही | छूछी । प्रणाली । (२) गवच्छेद शास्त्र में हवा निघ०२ भ०.कुलस्थायघृत । . को नाली । वायु प्रणाली । नरनरः । कसकी-[पं०] खेटी। शगली। कसब फरा-[१०] एक प्रकार का पौधा । कसकुट-संज्ञा पुं॰ [हिं० काँस+कुट-टुकड़ा] Bell. | कसबक-[१०] शंखों (हलजूनात ) का एक भेद । metal एक मिश्रित-धातु जो ताँवे और जस्ते के एक प्रकार का सीप । घरापर भाग से मिलकर बनाई जाती है। भरत । कसब फारसी-[१०] एक प्रकार का बाँस जिससे काँसा । कलम बनाते हैं। नरकट । कसकुसरी-[?] Grewia villosa, Willd. कसबरज-[?] मोती। लु० क० । धोहन । इनर्जरयस । तुवनी । कसब शामी-[अ० एक प्रकार का बाँस, इनमें से कसमिनी-[सं० १] वृश्चिकाली । बिछुआ । बरहटा । कोई छोटा, कोई बड़ा और कोई पतला होता है। ई० मे० मे। कसब सकर-[१०] गन्ना।। कसद-[अ० कसद ] खीरा । ख़यार। कसबहे कुबा-अ.] Tibia कसन-संज्ञा पुं॰ [सं. क्ली०] (१) कास रोग। पिंडली की छोटी हड्डी जो उसके भीतर की खाँसी । (२) एक प्रकार की वेदना । फ्रेश । ओर स्थित है। - दुःख । च० द० २० पि.चि० । - अज्मुलकसबत। कसनई-संज्ञा स्त्री० [सं० कृष्ण ] एक चिड़िया जिसके | कसबहे सु.गरा-[अ.] Fibula ने काले, छाती और पीठ गुलाबी और चोंच | पिंडली की छोटी हड्डी जो उसके बाहर की लाल रंग की होती है। __ ओर स्थित है । अंज.मुश्शजि य्यः शजि य्यः । कसनमईन-संज्ञा पुं० [सं० पु.] कासमई का | कसबुज्जरीरः, कसबुज ज़रीर:-[अ०। (१) पौधा । कसौंजा । वै० निघ। चिरायता । भूनिम्ब । कालमेघ । फलफनाथ। .
SR No.020062
Book TitleAayurvediya Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1942
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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