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________________ एष्या १७६३ एसिड आर्सेनिक एष्या-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री०) आँवला । आमलकी । एसिड-संज्ञा पु. [ अं० acid ] [ बहु० रत्ना० । __ एसड्स ] अभ्ल । तेज़ाब । द्राव | .. एसक-दन्तिकुर्र-ते. ] एलबालुक । एसिड अकीलिइक-[अं० acid achilleic ] एसकाली-[ नेपा० ] श्राखी । कुञ्ची-पं०। ___एकोनाइटिक एसिड । दे. "बच्छनाग" । एसबगोल-[मरा० ] इसबगोल । ईषद्गोल । एसिड-अगारिक-[अं॰ acid-agaric] छत्रिएसमदुग-[मंद० ] कचनार । काम्ल । दे. "अगारिकस एल्बस"।। एसर-[कुमा० ] श्राखो । कुञ्ची-पं० । एसिड-अगारिसिनिक-[अं॰acid-agaricinic] एसर-केसियम्-ले० acer-caesium ] दे. “गारिकूनाम्ल"। एसर पिक्टम्-ले० acer-pictum ] दे० | एसिड-अमिडो-एसाटक-[ अं० acid-amido"किलपत्तर"। . ____acetic ] ग्लाइकोकाल । दे० "बीटेन"। एसराइडीन-[अं॰ eseridine ] फाइसाष्टिग्मीन | | एसिड अम्बर-[अं॰ acid-amber ] अम्बर का तेजाब। अर्थात् कैलेबार-बीन में पाया जानेवाला एक | एसिड आइसो एसिटिक-[अं० acid Iso-aceसत्व। एसरीन-[अं॰ eserine ] दे॰ “फाइसष्टिग्मीन"। tic] एक दृढ़ वसाम्ल जो व्याघ्र-एरण्ड-तेल ___ द्वारा प्राप्त होता है। द्रवन्त्यम्ल । एसरीन-सल्फेट-[ अं० eserine-sulphate ] एसिड-आक्सीनेझ्योइक-[अं० acid-oxynaएक प्रकार का हलका भूरे रंग का अमूर्त चूर्ण जो | ___phthoic ] दे॰ “एसिडम् ाक्सीनेफ्थोइकम्"। अत्यन्त प्रार्द्रताशोषक और अविलेय होता है । एसिड-आक्सेलिक-[अं॰acid-oxalic] चुक्राम्ल । दे. "फाइसाष्टिग्मीन"। दे. "एसिडम् ाक्सेलिकम्" । एसरीन-सैलिसिलेट-[ अं. eserine-salicyl- एसिड-आज्मिक-[ अं० acid-osmic ] दे. ate ] दे॰ "फाइसाष्टिग्मीन" । "एसिडम् श्रामिकम्"। एसरीन-हाइड्रोब्रोमास-[अं॰ eserine-hydro- एसिड-आफेलिक-[अं॰ acid-ophelic] चिरा bromas] एक प्रकार का सफेदी लिये हुये अमूर्त | यते का एक क्रियात्मक-सार । किराततिकाम्ल । चर्ण, जो किञ्चित आर्द्रताशोषक और अत्यन्त जल- दे० "चिरायता"। विलेय होता है। दे० “फाइसाष्टिग्मीन"। एसिड-आयोडिक-[ अं० .cid-iodic ] दे० एसरेमीन-[ अं. eseremine ] कैलेबारबीन "एसिडम्-श्रायोडिकम्"। अर्थात् फाइसोष्टिग्मीन से प्राप्त होनेवाला एक | एसिड-आरोक्लोरिक-[अं० acid-aurochloric] इसे "एसिड टिकोराइड-ऑफ गोल्ड" भी कहते प्रकार का सत्व। हैं। यह समान मात्रा में "पारीएट सोडियाई एसल-[सिं०] अमलतास । पारग्वध । क्लोराइडम्" के समान प्रभाव करता है। एसाइट्रीन[अं॰ acitrin ] एक पाण्डु-पीत स्फटिकीय चूर्ण, जो फेनिल-सिंकोनाइनिकाम्ल (श्राटो | एसिड-आर्गेनिक-[अं॰ acid organic ] ऐन्द्रि लाटा यक अम्ल । फेन) का ईथाइल ईष्टर है । संधिवात (Gout) एसिड-आर्थोफेनोल-सल्फोनिक-[अंcacid orthoमें इससे युरिकाम्लोत्सर्ग अत्यन्त बढ़ जाता है; ___phenol-sulphonic ] एक प्रकार का परन्तु कहा जाता है, कि यूरेट्स पर इसका तेजाब। अत्यल्प प्रभाव होता है। | एसिड-आर्सेनियस-[अं० acid-arsenious ] मात्रा प्रादि-इसे १० ग्रेन (५ रत्ती) की एसिड-आनियोजन-[ अं० acid arseमात्रा में दिन में ३ या ४ बार भोजनोत्तर जल niosum ] में मिलाकर प्रयोगित करें। | एसिड-आर्सेनिक-[अं॰acid arsenic ] एसाफीटिडा-[अं॰ asafoetida ] हींग । हिंगु। गौरी पाषाणाम्ल । मल्ल । दे. “संखिया" । ७ फा०
SR No.020062
Book TitleAayurvediya Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1942
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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