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________________ करूंशुल्ग़मन करूशुल्ग़नम - [ ० ] फ़रफ्रियून । करूषक -संज्ञा पु ं० [सं० की ० ] एक प्रकार का फल | फालसा । २२५० करूस. तूलियूस - [ यू०] शादनज | क़समथून - [ 2 ] धतूरा । तातूरह # करूला बहमन - [ यू० ] बाबूना । रूसियून - [ यू०] आलूबालू । करासिया । क़रूसूफ़स, क़रूसूफ़ियून -[ यू० ] मारक्रीतून रूसूस - [ यू०] बूसीर । करूला-संज्ञा पु ं० [हिं० कड़ा + ऊला ( प्रत्य० )] ( १ ) एक प्रकार का मध्यम सोना । ( २ ) कुल्ला | करे - [ कना० ] ( १ ) आँट । भाँडीर । (२) पिंडार । पिंडालु । काला वि० [कना०] काला | कृष्ण । करि ( कना० ) । करे - अकोले - गिडा - [ कना० ] ( Alanguim Hexapotalum, Lam.) अकोला | करेइ - [ मारवाड़ ] भेरी । करे उप्पु -[ कना० [] काला नमक | करे- 3 (वु) मते- [ कना० ] काला धतुरा | 1. करेकाई - [ से० ] करौंदा । करमई । करमचा | करे कांचि - [ कना० काला मकोय | करेगोलि - [ कना०, मरा० कीकर | बबूल । करेंगणिके - [ कना० ] काला मको । करेजा -संज्ञा पु ं० [सं० यकृत ] कलेजा । हृदय । वि० दे० " कलेजा " । [] काला बघूल । काली करेधा कटव्या - संज्ञा पुं० [सं० पु० ] धनेच्छू पक्षी ध चिड़िया । इसका तेल गठिया की रामवाण दवा है । करेजालिमरा -[ कना० ] बबूल । कीकर । काली कीकर | करेजी - संज्ञा स्त्री० [हिं० करेजा ] पशुओं के कलेजे का मांस जो खाने में अच्छा समझा जाता है । ( २ ) पत्थर की करेजी । दे० "पत्थर" । करेजीरगे - [ कना० ] काला जीरा । करेट - संज्ञा पुं० [सं० पु० ] नख । नाखून | करेटा - [ बं० ] ( १ ) खिरेटी | बरियारा । (२) जंगली मेथी । इं० मे० प्रा० । करेटु, करेटुक–संज्ञा पु ं० [सं० पु ं० ] ( १ ) - करा पक्षी | करकटिया । कर्करेटु । करटु । कर्कशटुक । रत्ना० । ( २ ) नख । नाखून | त्रिका० | करेठ - संज्ञा पुं० [सं० पु० ] त्रिका० । नख । माखून । धानस पक्षी । करेठव्या - संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री० करकटिया । धनच्छू पक्षी । त्रिका० । करेडुक - संज्ञा पु ं० [सं० पु० ] ( १ ) करकटिया । करे पक्षी । ( २ ) कर्कट । केकड़ा | 1 करेणु, करेणुक - संज्ञा पु ं० [सं० पु ं० ] ( १ ) हाथी । गज । ( २ ) कर्णिकार वृक्ष । कमेर । विश्व० । ( ३ ) एक महौषधि । एक वनस्पति जिसमें बहुत दूध होता है और जिसका कंद हाथी के आकार का होता है । इसमें हस्तिक पतास की तरह के दो पत्ते लगते हैं। गुण में यह सोमरस के समान होती है । जैसे - "करेणुः सबहुश्रीरा कन्देन गजरूपिणी । हस्तिकर्ण पलाशस्य तुल्यपर्णा द्विपर्णिनी ॥ सा च सोमरस तुल्यगुणा । सु० चि० ३० अ० । दे० " ओषधि' ( ४ ) हस्तिनी । हथिनी । 7 करेणुक - संज्ञा पुं० [सं० नी० ] कर्णिकार का फल जो ज़हरीला होता है । करेणुका - संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री०] हथिनी । हस्तिनी । मादा हाथी | शब्द र० । करेणुभू-संज्ञा पु ं० [सं० पु० पालकाप्य नाम के जोगवैद्यक के प्रणेता हैं । त्रिका० । वि० [सं० ०] हथिनी से उत्पन्न | करेणुसुत-संज्ञा पुं० [सं० पु ं० ] ( १ ) पालकाप्य मुन । त्रिका | हाथी का बच्चा । गजशावक । करेणू-संज्ञा पु ं०, स्त्री० [सं० पु०, स्त्री० ] (1) हाथी | गज । ( २ ) हथिनी । हस्तिनी । श्र० टी० रा० । करेण्डरा - [ सिमला ] Acer villosum करेता - संज्ञा पु ं० [देश० ] बरियारा । बला । खिरेंटी । करेधा - [ उड़ि० ] हड़ । हरीतकी ।
SR No.020062
Book TitleAayurvediya Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1942
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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