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________________ रैला । . सादा। करातिया २२३६ कराल करातिया-[यू०] खनूब शामी । करायल-संज्ञा स्त्री० [सं० काला ] कलौंजों । मॅग करात न-[यू.] सादा शहद का पानी । माउलवस्त संज्ञा पुं॰ [सं० कराल ] ( Rosin res- [अ] अर्क बादियान वा पानी में जोश दिया _in ) तेल मिली हुई राल । हुआ शहद । | करायला, कनालह-[?] हुलहुल । क़रात स, करात सन-[ यू०] दरूनीनून। । | करायिका-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री० ] एक प्रकार का करानिया-[यू.] जैतून की तरह का एक बड़ा पहादी पक्षी। छोटा बगुला । क्षुद्र वक । वै० निघः । पेड़। इसका फल जामुन की तरह होता है। करार-संज्ञा पुं० [अ० (१)स्थिरता ठहराव ।(२) जुकाल । करानीतुस-[ यू० ] प्रलाप । हज़ियान । बुद्धिनाश । करारनोश-[रू० ] मोम । करानीतु स खालिस-अ.] पैत्तिक सरेसाम । सरे फरारनोल-[१] नीलोफ़र। साम सफरावी, जिसका हेतु शुद्ध पित्त वा सफ़रा होता है। करारा-संज्ञा पु० [सं० करट ] कौया । करानीनी इग़रिया-[ यू०] जंगली कर्नब । ___ संज्ञा पु. एक प्रकार की मिठाई । करारी-[ सिरि० परेंडी । तुम अरंडी । करानीस-[सिरि० ] बाक़ला। कराब, कराबत-संज्ञा स्त्री० [१०]() नज़- | करारीत- अ० कोरात का बहु० ] दे. "कीरात" - दीकी। समीपता (२) रिश्तेदारी। संबन्ध । | कराल, करालक-संज्ञा पु'• [सं० पु०, क्री० ] कृष्ण नाता । रिश्ता । Relation तुलसी। काली तुलसी । प० मु०। भा० पू० कराबा-संज्ञा पुं० [अ० क़राबः । सं० करका, हिं. १ भ०। करबा ] शीशे का बड़ा बरतन जिसमें अर्क इत्यादि ___ संज्ञा पुं॰ [सं० पु.] (१) राल मिला . . रखते हैं। काँच का छोटे मुह का बड़ा पात्र ।। हुआ तेल । गर्जन तेल । सर्जरस तैल । मे. कराबादीन-[अ० वा करावादीन का मुत्र] वह लत्रिक । (२) दॉतों का एक रोग जिसमें दाँतों - किताब जिसमें नुस्खे और योग संगृहीत हों। में बड़ी पीड़ा होती है और वे ऊँचे नीचे और (Pharmacopoeia, Dispensato- बेडौल हो जाते हैं । माधव निदान के अनुसार ___ry ) दाँतों में स्थित वायु धीरे धीरे दाँतों को ऊंचे करामई-संज्ञा पुं॰ [सं० पु.] करौंदे का पेड़। नीचे और तिरछे कर देती है। यह रोग असाध्य करमईक वृक्ष । श०र०। है। मा० नि० दंतवेष्टग० रो०। (३) कस्तूरी करामली-[ हिमा० ] फराश । मग । सु० सू. ४६ अ०।। करामियून-[ यू०] प्याज़। जङ्घालवत् । (४) शालुक। करामूस-[यू.] बाक़ला। संज्ञा पुं० [सं० की.] (1) कृष्णार्जक । कराम्बुक-संज्ञा पुं० [सं० पु.] पानी आँवले का काली तुलसी । (२) काला बघूल । कृष्णबई पेड़ । पानीयामलक वृक्ष। कृष्णापाकफल । रक । (३) घी वा तेल में तैयार किया हुआ श० च०। वेसवार । (पाकराजः) करायल । . नोट–'कृष्णपाकफल' करौंदेको भी कहते हैं। वि० [सं० त्रि०] (.) जिसके बड़े-बड़े कराम्ल, कराम्लक-संज्ञा पुं॰ [सं० पु.] करौंदे दाँत हों। ऊँचे दाँतवाला । दन्तुर । (२) डरार का पेड़ । करमक वृक्ष । प० मु०। वनी प्राकृति का। भीषण । भयानक । (३) कराम्लिका-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री० ] करौंदा। ऊँचा । तुग। (४) प्रशस्त । खुला हुआ। करायजा-संज्ञा पुं॰ [सं० कुटज ] (१) कौरैया। कराल-[ब.] करेला । कारवेन । कुटज । (२) इंद्रजवा । इंद्रयव । संज्ञा पुं॰ [सं०] कौमा ।
SR No.020062
Book TitleAayurvediya Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1942
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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