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________________ कम्बुज २१८९ कम्बुज-संज्ञा पुं॰ [सं० ] शंख । जूएँ कई प्रकार की होती हैंकम्बुपुष्पी-संज्ञा स्त्री॰ [सं० स्त्री० ] शंखपुष्पी । (१)महीन महीन सफ़ेद रंग की जो बालोष कौड़ियाला । रा०नि० व०३ । से चिमटी रहती हैं । वस्तुतः ये जूत्रों के अंडे होते कम्बुपूत-संज्ञा पुं० [सं० पु. शंख । हैं। सुवाब: (बहु. सेवान) -। रिश्ककम्बुप्रणाली-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री०] (Duc- फ्रा०। लीख । लिक्षा -हि। tus Cochlearis) शंखप्रणाली। कोकला (२) वह जो स्रोतों में फँस जाती है ओर । प्रणाली | अशा। बालों की जड़ की तरह दिखाई देती हैं। तमूत्र कम्बुमालिनी-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री० ] शंखपुष्पी -अ.। कम्काम -१०, फ्रा० । जमā । धक लता । कौड़ियाला । रा०नि० व० ३ । कम्बू-संज्ञा [सं० स्त्री- ] (१) शंख । (२) वलय । (३) वह जो बड़ी-बड़ी और शिर एवं शरीर चूड़ी। के कपड़ों में चलती फिरती दिखाई देती हैं। कम्बूक-संज्ञा पुं० [सं० पु.] शंख । कम्बु । कम्ल-अः । शपिस -फ्रा० । जूं, ढील -हिं० । यूका (वै०) धान की भूसी । अन्नत्वक् । -सं०। कम्यून-संज्ञा पु० [सं० पु.] शंख । खरमोहरा । कम्ल-[अ० जूएँ पड़ना । ढील पड़ने की बीमारी । रा०नि० व. १३ । तक़म्मुल । ( Pediculosis, Lousin कम्बोज-संज्ञा पुं॰ [सं० पु.] [वि • कांबोज] ness. ) (१) एक प्रकार का शंख । (२) एक प्रकार कम्लक़रीश-[अ०] छोटे सनोबर के बीज । का हाथी । मे • जत्रिक । (३) एक देश जो | कम्लतुज ज़रअ-[१०] एक पक्षी जो टिड्डी की तरह गांधार के पास पड़ता था। यहाँ के घोड़े होता है। प्रसिद्ध थे। कम्लतुन्नसर-[अ० ] गिद्ध की जूं । जो कभी उससे कम्बातायी-संज्ञा स्त्री० [सं० पु. कम्ब्वातायिन् ] गिरकर मनुष्य के शरीर पर आ पड़ती है । और . शङ्खचिल्ल । एक प्रकार की चील । अत्यन्त घातक होती है। ऐसी जनश्रुति है कि कम्भा-[?] कमीला। इसके काटने से शरीर के स्रोतों से रक्तस्राव जारी कम्भारी-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री० ] काश्मरी । गंभारी | होजाता है। ... का पेड़ गम्भारी । कमहार । रा० नि व०६। | कम्ला-संज्ञा पु० दे० "कमला"। कम्भिका-संज्ञा स्त्री॰ [ सं० स्त्री.] बाहि धान्य । । कम्लावन-[रू.] काशिम । कम्भु-संज्ञा [सं० को • ] खस । उशीर । कम्लुर्रास-[अ०] Pediculus Capitis , रा. नि० व०१२। शिर की जूं । सिर में जूएँ पड़ना। कम्म-[अ० [मिकदार । परिमाण । किसी चीज़ को .. मिकदार । कम्लुलअज्झान-[अ०] Pediculus Bloकम्मरकस-[बम्ब०] (1) कमरकस । (२) एक | ___pharitis, Triasis. पलकोंकी जूं । पलकों • बीज । (Salvia plebeia, R. Br.) में जूं पड़ जाना। (३) चुनिया गोंद। कम्लुलान:-[अ० ] Pediculus Pubis कम्मल-संज्ञा पुं० दे. "कम्बल"। कामाद्रि यूका । कामाद्रि वा काले बालों की कम्मोरकस-[ गु० ] कमरकस । जूएँ । झाँट की जूएँ। कम्मी सफेद-[?] ब्राह्मी । कम्लुलजिस्म-अ.] Pediculus Corporis कम्र-वि० [सं० त्रि० ] कामुक । मैथुनेच्छायुक । शरीर का ढील । शरीर में जूएँ पढ़ जाना। -श्रम। कम्लूल-अ.] नावरी । कम्ल-[१०] [ बहु० कुमुल ] जूं । ढील । यूका । कम्स-[अ०] Quickening (Louse; Pediculus.) । भ्रूण का उदर में गति करना ।
SR No.020062
Book TitleAayurvediya Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1942
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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