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________________ कपूर २११० ना चाहिये । इसके विपरीत हो तो निकृष्ट । वस्तुतः शुद्धाशुद्धि में भेद करना बहुत कठिन है । ख० प्र० । श्रेष्ठ कपूर के लक्षण भैषज्य रत्नावली में लिखा है -- पक्कात्कपू रतः प्राहुरपक्कं गुणवत्तरम्, तत्रापि स्यात्यदक्षुण्णं स्फटिकाभं तदुत्तमम् । पक्कञ्च सदलं स्निग्धं हरितद्युति चोत्तरम्, मनागपि न चेटितन्ति ततः करणाः ॥ हस्ते निघृष्य कपूर रेखां हस्तस्य लक्षयेत्, यदि सा दृश्यते विद्धि पूरमिति भद्रकम् । कपूर को सुरक्षित रखने की विधिकपूर वायु में विशेषतः गर्मी में शीघ्र उड़ जाता है । इसलिएइसमें जौ या कालीमिर्च के कुछ दाने या कोयला मिलाकर वोतल में भरकर मजबूत डाट लगादें । जिसमें उसके भीतर वाह्य वायु का प्रवेश न हो सके । ऊपर से थोड़ा मोम भी जमा दें । औषधार्थ व्यवहार — सांद्रीभूत, उड़नशील, तैल अर्थात् कपूर ( Stearoptene. ) रासायनिक संघटन - सङ्केत सूत्र ( क. उद श्रोष ) १० १६ मात्रा -- ( ब्रिटिश फार्माकोपिया में ) १ रत्ती से २॥ रत्ती (=०१२ से ०३ ग्राम ) १ से ३ ग्रेन वा ००६ से ०२ ग्राम तक स्वगधोऽन्तः क्षेप द्वारा | औषध निर्माण - आयुर्वेदीय मतानुसारवटी, चूर्ण, दूधिया घोल, श्रासव, स्पिरिट, प्रलेप, तेल, अभ्यंग श्रर्क; मिश्रणादि । यह निम्न श्रायुर्वे दीय योगों में पड़ता है । यथा - कपूर तैल, कर्पूरादि तैल, कर्पूराद्य तैल, कपूर वटी, कर्पूरासव, कर्पूराद्य चूर्ण, कपूर रस, कर्पूरादि योग, कर्पूराद्य रस, लवङ्गादि चूर्ण, एलोपैथी में यह कैम्फर (कपूर) नामक योगों में एवम् श्रंग्वेण्टम् हाइड्राजिराई कंपोजिटा तथा फार्माकोपियान्तर्गत १५ में से लिनिमेंटम् टेरीविनूथिनी ( Lint. कपूर Terebinthinc∞ ) श्रादि १ : लिनिमेंटेंस में और निम्न योगों में पड़ता है । अधिकृत एल्लोपैथीय योग— (Official Preparations ) ( १ ) एक्का कैम्फोरी Aqua Campho ore ले० | कैम्फर वाटर Camphor water - श्रं० । कर्पूरार्क, अर्क कपूर । - हिं० । माउल काफूर -० । श्राब काफूर -फ़ा० । निर्माण - क्रम – कैम्फर ७० ग्रेन, परित्र त जल एक गैलन, सुरासार ( १० प्रति० ) श्रावश्यकतानुसार । कपूर को सुरसार में विलीन कर श्रध फ्लुइड ग्राउंस घोल प्रस्तुत करें, पुनः उसे क्रमशः परित्रत वारि में सम्मिलित करलें । शक्ति - उक्त घोल के सहस्र भाग में एक भाग कपूर होता है । मात्रा - 2 से १ फ्लुइड श्राउन्स - ( १५ से ३० घन शतांश मीटर ) जिसमें . सेग्रेन कपूर ७ १६ 5 होता है। इसका उपयोग केवल अत्यन्त प्रभावकारी श्रौषधियों के अनुपान - स्वरूप होता है । (२) लिनिमेंटम कैम्फोरी-Linimentum Camphorace - ले० । लिनिमेंट आफ कैम्फर Liniment of Caphor, कैम्फोरेटेड आइल Camphorated oil - श्रं० । कपू राक्क तैल, कर्पूराभ्यङ्ग - हिं० । तमरोख़ काफ़ूर, मुरख़ि काफूर, दुहानुल काफूर, रोगन मालिश काफूरी, काफूरी तेल - उ० । निर्माण क्रम - कैम्फर फ्लावर्स (कपूर) , श्राउंस, जैतून तेल ४ फ्लुइड आउंस । कपूर को तेल में विलीन करलें । शक्ति - इसके ५ भाग में १ भाग कपूर होता है । चिरकालानुबंध वेदनापूर्ण व्याधियों में इसका उद्दीपनीय प्रयोग होता है । यह लिनिमेंट क्लोरोफॉर्माई, लिनिमेंटम् हाइड्रार्जिराई और लिनिमेंट टेरिबिन्थीनी एसीटेट्स पड़ता है। (३) लिनिमेंटम् कैम्फोरी मोनिटम् Linimentum Camphore Amm
SR No.020062
Book TitleAayurvediya Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1942
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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