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________________ एफीड्रा-फॉलिएटा १७६६ एफीड्रोनी-हाइड्रो-क्लोराइडम् एफीड्रा फॉलिएटा-[ ले• ephenira-fo iata, पर्या-सिन्थेटिक एफीड्रीन Synth. - Boiss.] एक प्रकार का एफिड़ा ।दे “एफिडा" tic Ephedrine यह Phenylimethylएफीड्रा-फ्रौगिलिस-[ ले• ephedra fragilis] aminopropanol का एक हाइड्रोकोराइड ___ एक प्रकार का एफिड़ा । दे० "एफिड़ा"। यौगिक है, जिसका एफीडीन से निकट का एफोड्रा-मॉनोष्टैकिया-[ ले० ephedra mono- सम्बन्ध है और गुण स्वभाव में यह एफीड्रोन stachya, Linn.] अम्सानिया दे० "एफिडा"। वा एडीनेलीन के समान होता है। जिन दशाओं में एफीड्रा-वल्गैरिस-[ ले• epbedra vulgaris, एडोनेलीन दी जाती है, प्रायः उन्हीं अवस्थाओं Rich.] अम्सानिया । दे० "एफिड़ा"। में यह भी मुख द्वारा प्रयोगित होती है। एफीड्रान-[अं॰ ephedrine ] एक प्रकार का इसको ग्रेन की चक्रिकाएँ और त्वगधः अन्त:क्षारीय सच जो विविध भाँति के एफीड़ा से प्राप्त क्षेप के लिए ऐम्पलस मिलते हैं। होता है । वि० दे० "एफिडा'। गुण-धर्म तथा प्रयोग एफीड्रीनी हाइड्रोक्लोगयडम्-संज्ञा स्त्री० [ ले. एफि.डीन का व्यवहार उन्हीं दशाओं में होता ephedrinae hydrochloridum.] है, जिनमें एडीनलीन देने का विधान है। इसे एफीडा सिनिका, एफीड़ा एकीसेटिना तथा रत्ती को मात्रा में दिन में २-३ बार मुख द्वारा एकीड़ा के अन्य भेदों से प्राप्त एफीड्रोन नामक सेवन करने से फुफ्फुस-प्रणालीजात श्वासरोग क्षारोह का हाइड्रोक्लोराइड यौगिक जिसके निर्गन्ध के वेग २०-३० मिनिट के भीतर रुक जाते हैं। वर्णरहित स्फटिक होते हैं। ये सुरासार (601) श्वास के उग्र वेगों में यह एडरीनंलोनवत् बलऔर जलविलेय होते हैं। इनके जलीय विलयन शालिनी नहीं होती और रोगी बहुत शीघ्र इसका से लिटमस पत्र में कोई परिवर्तन नहीं पाता । श्रादी हो जाता है। अस्तु, उक प्रभाव हेतु इसकी (Ephedrine hydrochloride.) अधिक मात्रा अपेक्षित होती है। इसके सेवन से असम्मत योग किसीरको उग्र स्वेद एवं अनिद्रा रोग होजाता है। (Non-official Preparations.) जबकि ग्रन की एक ही मात्रा देने से एतद्भिन्न व्यक्रियों पर इसका कुछ भी प्रभाव नहीं (१)-एलिक्सिर एफीड़िनी हाइड्रोक्रोराइडाई । Elixir Ephedrinæ Hydrochloridi होता। (B. P. C.)-ले। क्योंकि यह श्वासोच्छ वास-केद्रों को उत्तेजित योग-इसके प्रत्येक ड्राम में ग्रेन एफीडिन करती है; इसलिये मदकारी विषों में इसका उपहाइड्रोक्रोराइड होती है। योग होता है और उन दशाओं में यह काफीन (कहवोन ) तथा ष्ट्रिक्नीन (विषमुष्टोन ) की मात्रा-1 से २ ड्राम (२ से ८ मिलिग्राम)। अपेक्षा ही नहीं, अपितु कार्बन डाय आक्साइड की (२) नेबुला एडिमेलिनाई एट एफीड़िनी अपेक्षा भी श्रेष्टतर होती है। Nebula Adrenalmi et Ephed १०-१२ वर्षीय बालक को सोते समय इसे । rinae (B. P C.)-ले। रत्तीकी मात्रा में देने से रात्रि-शय्या-मूत्र रोग में योग-एड्रोनेलीन हाइड्रोकोराइड का विलयन २॥ अाउंस, एफीडीन हाइड्राक्रोराइड २०० उपकार होता है। 2 से - रत्ती यह औषध दि. ग्रेन; गिलिसरीन ऑफ फेनाल २०० बूंद, सिन्ने- में दो बार देने से एक वर्षीय शिशु की, विशेषतः मन वाटर उतना, जितने में कुल द्रव २० श्राउंस द्वितीय श्रेणी में पहुँची हुई कूकरखाँसी पाराम होजाय । होती है। (३) एफीटोनीन Ephetonin कुष्ठगत वात-वेदना में एडरीनलीन के सूचीवेध - की अपेक्षा इससे कहीं अधिक उपकार होता है। ( Merck.)
SR No.020062
Book TitleAayurvediya Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1942
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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