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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ८२० अरबाग अस्वाब साविकह अहवाग asbagha-१० (ब० य०) देखो-- में प्रगट करें या शारीरावस्था को सुरक्षित रक्खें, Area I ( Tinctures, ) पुनः चाहे वे प्राकृतिक हो या अप्राकृतिक । अस्वान aasbāna-अ० स्खजूर भेद । (A kind | अस्वाय गदिश्यह, asbaba badiyyah ० of date. ) प्रस्वास खार्जियह, आस्वाब मेखान्किय्याइ । बाह्यअस्वाय asbabit-अ.( यव०), सबब (प० कारण । वे हेतु जो मनुष्य शरीर के बाहर व०)- वैद्यक की परिभाषा में वह वस्तु जो । अाक्रमण करके अपना प्रभाव स्थापित करें, मनुष्य शरीर में रोगारीग या हालते सालस इ. जैसे शैत्योष्णता श्रादि ।(External or Lo(अवस्थात्रय ) को उत्पन्न करे अथवा उसको cal callses.) सुरक्षित रखे, चाहे वह वस्तु शारीरिक या अशारी. PETIT #for, asbába-ınádiyyah रिक तस्व हों या अर्ज । -१० वे हेतु जिनपर रोगाशेग को आधार हो । __कारण, निदान, हेतु । (Causes.) देखो अवाब मु.ज़ादह, asbaba-mumaitdah सबब। -० अमिति घातक कारण जो शरीरको हानि माइब्तिदाइय्यह asbaba-ibtirlaiyyah) पहुँचाते एवं उसे नष्ट कर डालते हैं, जैसेअस्थात्र अवलियह Asbabit., viraliynha तलवार या गोली का घाव, विषपान तथा अन्नप्रस्बाव भरलयह. asbaba-astiyah मग्नता प्रादि। -०किसी रोग आदि कारण । इनका समावेश अस्वब मुतम्मिमह. asbaba.itamini. प्रस्तुतः अस्याब साचिका (प्रारम्भिक कारण ) | Imah-अ० वे कारण जिनके शरीर पर प्रभाव ही में होता है । (Primary causes, करने के पश्चात् तत्काल रोग उत्पन हो जाएं। Ultimate causes. ) समिकृष्ट कारण । अस्वाब कुल्लिय्यह. asbiba-kulliyyah | अस्थाय मुर्गिजह asbaba-in marriznh -० वे हेतु जिनके होने से नवीन चीज़ों का -१० रोगोत्पादक कारण, रोग संजमक होना अनिवार्य हो । अस्वाब ख.सूसिय्यह Asbabakhususiyyah अस्याब वासि लह asbaba-vasilah -०चे मुख्य हेतु जो किसी प्रधान रोगको अस्वाय कृर्गवह asbaba-Mari baha उत्पन्न करें। जैसे-प्लेग तथा विशूचिका विष जो प्रस्वाब सानो यह, asbaba-sanoyah ) उक्र रोगांको ही उत्पन्न करते हैं। (Specific -अ० वे कारण जो शरीर में विद्यमान हों और causes.) बिना किसी अन्य कारण की अपेक्षा करते हुए अस्वाब तमामिय्यह. asbaba-ta.mami- शरीर में कोई अवस्था उत्पन्न करें। जैसे-अफyyah-१० वे कारण जिनसे शरीर अथवा नत ( सई ध) बिना किसी अन्य कारण के शरीर की किसी अवस्था विशेष की पूर्ति होती अफ नती ( पचनीय, दूषित) घर उत्पन्न कहै। ( Complimental causes.) रती है। (Immediate causes, Prox. नोट-उफ अरबी परिभाषा सामान्यतः इल्मे imate causes.) हिकमत में सबवे गाई अर्थात् किसी काम की अस्वाब साविकह asbaba-sābiqah गायन व ग़र्ज के लिए बोली जाती है। प्रम्बार मुहहह. asbaba-muaiddah अस्थाय फलिय्यल asbaba-fsailivvah | अस्थाब यई.दह, asviba-baaidah •अ० वे कारण जो रोगारोग अथवा हालते मा. -अ० वह कारण जो मनुष्य शरीर पर सहयोग लसा (अवस्थात्रय ) में से किसी एक को शरीर द्वारा प्रमाव करें अर्थात् शरीर को किसी दशा के For Private and Personal Use Only
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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