SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 855
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir .अस्थि सम्मानकरः अस्थिसंहारका .. पर इस प्रकार कुल १८ हुए )। स० शा• अस्थि संहतिः asthi.san hatih-सं० पु. ...५० । देखो-सन्धिः । .. अस्थिसंहार । ( Vitis quadrungula. अस्थि सन्धानकरः asthi.sandhāna-ka- ris.) मद० वर ७॥ ran-सं.पु... रसोन ताशुन, लसून । Garlic | अस्थि संहार:-क: asthi-sanharuh,.kah. (Allium sativum. ) वै० निघः । -सं० पु. (१) हस्तिशुशिद, हाथासुण्डो । अस्थिसन्धान जननी Rsthi-sandhāna jari हाती शुंडे-बं० । ( Heliotropium ind nani-सं० स्त्री. अस्थिसंहार । हड जोड़ iucm, Linn.) --हिं० । ( Vitis quadrangularis. ) ! (२)हाइ जोड़ (हा), हरजोका, हर (ब)स. वै० निघ०। री, हद सहारी, हड़जोड़ी, हरसङ्गारि, हजुरी, अधि सन्धिः asthi.sandhih-सं०० (१) नल्लेर-हिं० । नल्लेर-द. । बज्रवल्ली,प्रन्थिमान्, अस्थि सम्मेलन स्थान, हडिया का जोड़ ( A1- कुलिशं, अमरः (२०), शिरालकः ( श.), ticulation, joint.)। (२) मर्म स्थान । अस्थि सहारी, वज्राङ्गी, अस्थि मजला-60। देखा-धिः। हद जोड़ा, हाड़िय, होड़जोड़ा, हाइभांगा-ब० । अस्थि समुद्भवः asthi-samudbhavish- वाइटिस क्वान युलेरिस, ( Vitis qun. -सं० पु मजा । (Bone.marrow.) ditiligularis, Truth.),सि-सस काई ङ्ग वनिघ०। युलेरिस Cissus quadrangularis-ले. अस्थिसंधि शोथ astlhi-sandhi-shotha विग्नी एट रेजिन्स डी गैलम Vixneet -हिं० सशा पु. (Osteo-k. thritis.) Raisins de Glam-फ्रां० । काहिए, - सन्धिस्थ अस्थिप्रवाह। पेरुण्डेइ-काडिए, पिरराडै-ता। नल्लेरु-तीगे, मस्थि सन्धिकः asthi-sandhikah-सं० नुल्लेरुतिगट्ट, नाल्ले ई-ते। वेरण्टा, पिरण्ट, पु. अस्थिसंहार, हर जोद । (Vitis qus. इस्गगालम परेण्ड ..मल। मगरूलि drangulkris.) भैष । --कना० । चौधारि तरधारी,हादसांकल, हादसाअस्थिसम्बन्धन:asthi-sambandhana':- किला, हडसर-ग०। शताबन-ले-घर० । सं० पु. राज, धूप । धुनो-401 ( Resis) हिरेस्स-सिं०, सिंहली । चौधारी, निधारी, कांड व.निघ०। वेल,हाइ संधी-मह । हाड़ सांखल-दे० । तिधारी, अस्थि सम्भवः asthi-rambhavati-सं० कांडवेल, हारजोड़ा-को । हर संकर, हाइजोड़ा, पु., क्ली०(१)मEL (Bone-marro. नवर, कांजवेल, चोधारी-बम्ब०।। w.) । (२) शुक्र धातु । (Semen vir. द्राक्षायगं ile.) निघ०। (1.0. Ampetidee.) अस्थि सम्भव स्नेहः asthi-sambhava) उत्पत्तिस्थान-भारतवर्षके उष्ण प्रधान प्रदेश, अस्थिसार: asthi-sarah पश्चिम हिमवती मूल से ( जैसे कुमायू) लंका सं० पु. मज्जा । ( Bone-marrow.) और मलक्का द्वीप पर्यन्त तथा अरब । दक्षिणा व निघः। भारत के जंगलों में यह अधिकता के साथ अस्थि संस्थान asthi-sansthan-हिं० प. होता है। . इडिया, अस्थि समुरक्ष्य,अस्थिविभाग । (Oste- वानस्पतिक-वर्णन-अस्थिसंहार घृक्षायी ology,skeletal system.) महसुन् वा भूलुरित होता है जिसमें सूत्रवत् मूल होते इलाम-१० चिकित्साशास्त्र का वह भाग जिसमें हैं। काण्ड ( मरीन) गम्भीर वा पांडु हरिद्वर्ण, अस्थियों का वर्णन किया जाए। मसूण, वाल वा मालाकार, चतुष्कोण क्वचित - Snehahe For Private and Personal Use Only
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy