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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अर्कियात भोपल: अर्कियात aarqiyat-अ० (२०५०), अर्क | बेदमुश्क का अर्क-द० | माउल खिलाफ अ० । (ए. ३०) Waters (Aquae.) | Salix caprea, Linn. (Water of-) देखो-~-अर्क । स० फा० ई. । श्री rki-सं० पु. मयूर, मोर पसी । मयूर श्र नमक aarqe-namak-फा० लवणाम्ल, -चं०। मोरी-मह०। ( A peacock.)! उज्जह रिकाम्ल, नमक का तेजाब। (Hydro. वं. निघ। chlorie or Muriatic Acid.) स० अलि argil-० शरडे की जर्दी, अण्डपीत . फाई! . भाग। ( Yolk of all egg.) अर्के शोरह, aarge-shorah-फाo शोरकाम्ल अर्क जबाल illujjathala-अ० ममियाई । शारे का तेजाब, ( Nitric acid.) । स० - See-llomiyai. फा० इं०। अर्क ज़बीब aary.zabi ba-अ० मुनका या दाख का पानी जो विशेष विधि द्वारा निकाला अर्केश्वररस: arkeshvara-rasah-सं० पु. चन्द्रोदय, तानभस्म, लौहमस्म, सुहागा भुना, गया हो । अर्कत्ताव :Cuttiba-अ० () असरार खपरया (शुद्ध), त्रिकुटा, हरताल इनको पाक के दूध में खरल करें यह एक दिन में सिद्ध (Ative.) । (२) जर्नबाद, मरकचूर, होता है । इसे नस्य द्वारा प्रयोग करनेसे सग्निपात 71(Curcumu zeroaria, Loscoe.) दूर होता है। अर्क ल अरूस argini-aarāsa-१० अभ्रक, अश्वरारस: arkeshvaroragah-सं० पु. भाडर(ल)| Tale (nica.). हरिताल, सोनामाखी, मैनसिल, शुद्ध पारा, अर्कल क़दाद [ul-qdidil-अ. भुना हुआ ! सुहागा, सेंधानमक, चित्रक और भौगरे का चूर्ण नमकीन मांस जिसे यात्रा में साथ ले जाते हैं। सबको बराबर लेकर बारीक चूर्ण करके मिलाएँ । अर्कल काफ़र āargulkifüra-० (१) मात्रा---४ रत्ती। गुण-शहद के साथ सेवन • कपूर का अक, कपूरारिष्ट । ( ''he spirit ! करने से सुप्त मण्डल वाला कुष्ठ नष्ट होता है। ०. Liquor of Camphor.)। (२) रस० यो० सा०। जर्नबाद, नरकचूर, कचूर । ( Curcumaze | अर्केश्वरः arkeshvarah-सं० पु. ताम्रभस्म, doatia, Pustic.) बंगभस्म, अभ्रक भस्म, सोनामाम्खो भस्म प्रत्येक अंकुश qushshajr अ० गोंद निर्यास। समभाग लेकर गिलोय और सुगन्धवाला के रस (Gum.) की २१ पुट देकर शराब सम्पुट में रखकर दूंक अ.कन an.rquna-अ० एक पौधा है जिसकी दें। फिर अडूसा, शहद और विदारीकंद के रस पत्तिया शकायान्न अमान (गुले लाला) जैसी : में चार चार रत्ती की गोलियाँ बनाएँ । इसको होती हैं। शहद के साथ खाने से रक्तपित्त तत्काल नष्ट हो जाना है। रस. रा सु० स्क्रपित। rqe.gule-surkha-फा०: । अत्तमा arkottuna-सं. स्त्री० वर्वरो, चबुई गुलाब, गुलाब जल, गुलाब का अर्क । ( Rose ! तुलसी । (Ocimum basilicum.) a water.) स. फा. इं०1 अर्कोपल: arkopalah-सं० पु. अर्के गागिर्द |qe.gogita-फा० गंधकाम्ल, अर्कपल arkopala-हिं० संत्रा पु. ... गंधक का तेजाब (Sulphuric Acirl.) : सूर्यकान्तमणि, प्रातशी शीशा, लाल पद्मराग । स० फा० ई.०। (The sun.stone;a ruby a crystal अर्के बेदेमुशक aares-bedemushka--फा० lens.) For Private and Personal Use Only
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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