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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनीमून श्राब्ट्युज़ीलोया - ३१६ अनीसन अनीमून आट्यज़ीलोबा anemone obtil- | siloba, Don., Royle: -ले. शनीक-अ०।। वायुपुष्प-सं० । रत्तनजोग, पादर-40 | फा० इं०१ भा० । ई० मे० प्लां० । मेमो०। अनीमून डिस कलर anemoine discolor -ले० रसनजोग, पाडर-१० । काकरूज -कुमा० । ई० मे० मे० । अनीमून पल्सेटिल्ला anemone pulsatilla -ले० शनायिकुम् अमान-अ० । वायुपुष्प-सं० । (pulsatilla. ) अनोमून हार्टेन्सिस anemone hartensis -लं० । बिस्तान अफरोज़-का0 महूरा, कलगा। अनीमून हेपेटिका anemone hepetica ले. लीवर बर्ट ( Liver wort)-इं०। अनोमोनिक एसिड anemonic acid -इं० तेज़ाबे--शक़ायिन अमान--१० । वायु. पुप्पाम्ल--सं० । फा० ई० १ भा०। अनीमोनीन anemonin-३० जौहर शकीक । -अ० । वायुपुष्प सत्व-सं० । फा००१ भा०। अनीमोनाल anemowol--इ.पीत वायुपुष्प तैल ( Yellow ancinone oil) । इं० फा० १ भा०। अनीली anili-सं० स्त्री० काशतृण | A speci es of grass ( Saccharum spont- : aneum) र० मा० । देखो-काशः । । अनीलेमाट्युबेरोसा ancilema tuberosa, ! Ilan.-ले. स्याह मुसली । मेमो । अनीलमा स्कैपीफ्लोरम् ancilema scupi. : floruin, Wisht.-ले० स्याह मुसली । कुरेली। बं० | सीसमुलिया-गु० । ई० मे० प्लां । देखो -मुसली। अनीसून anishna हिं० संज्ञा पु' [ यू०] ! अनी anisain |विलायती रन्दनी । सौंफ रूमी-उ० । अनीसून (anison)-यु०। एनिस फ्रट ( Anise Fruit ), एनिस ( Anise ), glaats (Ani-seed)-801 एनिसाई फ्रकटस (Anisi Fructus ), fafgaar gaar ( pimpinella abisun, Linn.)-ले० | एनिस( Anis )-फ्र। राज़ियानजुरूमी, राज़ियानजुश्शामी; (बीज) बर्राज़ियानजुरूमी, बर्राज़ियानजुश्शामी, हब्बुल हलो, कमूनुल हलो-अ० । बादियान रूमी--फा० । विलायती रधूनी-बम्ब० । छत्रक वा शतपुष्पा वर्ग (2.0. Umbellifera. ) उत्पत्ति स्थान-यह एक वार्षिक पौधा है जिसका मूल उत्पत्तिस्थान मिश्र और लीवांट है। परन्तु, अब यूरुप में विशेषकर रूस और स्पेन, हॉलैंड, बलगेरिया, फ्रांस, टर्की, साइनस तथा अन्य प्रदेशों में इसकी कृषि होती है। फारस और भारतवर्ष में यह संयुक्रमांत और पंजाब के विभिन्न भागों तथा ओड़ीसा के थोड़े भाग में पाया जाता है । अनीसू अब उत्तरी भारतवर्ष में बोया जाता है। यद्यपि अब भारतवर्ष की भूमि इसकी प्रकृति के अनुकूल हो गई है तो भी वह इसका वास्तविक जन्मस्थल नहीं है । संझा निर्णायक नोट-इंडियन मेडिसिनल प्लांट्स, इंडियन मेटीरिया मेडिका और इंडिजिनस ड्रग्स ऑफ इण्डिया इत्यादि ग्रन्थों में से किसीमें इसका संस्कृत नाम मधुरिका लिखा है तो किसी में शतपुष्प वा शतार तथा किसी में उभय नामोंका उल्लेख अाया है जो सर्वथा भ्रमकारक है । अनीसून उनसे भिन्न प्रोषधि है। मधुरिका वा मिश्रेया अर्थात् सौंफ ( बादियान) Fennel ( Focniculum Capillaccum or Vulgare ), शतपुष्प अर्थात् सोना ( शिवित्त ) Dill ( Peucedanum Graveolens ), arlega marg staranise( Illicium Verum) श्रादि और कतिपय अन्य ओषधियों में बहुत कुछ पारस्परिक सादृश्यता के कारण प्रायः ग्रन्थो में संज्ञा निर्णय में भूल किया गया है। इनकी विस्तृत व्याख्या के लिए यथा स्थान देखो। इसको बादियान रूमी इसलिए कहा जाता है कि इसकी शकल बादियान (सौंफ)एवं जीरा के सर्वथा समान होती है। For Private and Personal Use Only
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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