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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनावृत्त ३१४ प्रनासुप्पा अनावृत्त anavritta-हिं० वि० [सं०] [स्त्री० प्रभाव-इसका फल सुगन्धितयुक्र सथा अनावृत्ता] जो ढंका न हो । अनावेष्ठित । वायुनिस्सारक है। परिस्त करने पर इसमें से प्रावरण रहित । खुला। (२) जो घिरा | सौंफ़ ( Anise ) के सदृश एक प्रकार का न हो। तैल प्राप्त होता है । इसी कारण यह सौंफ के अनावंशः anavavshah-सं० पु'. मम्मविशेष ।। स्थान में व्यवहत होता है । मद्य को सुस्वादु के०। (A marmma.) Sce-Mal- बनाने के लिए इसे उपयोग में लाते हैं। mma अनासफूल awasa-phula-हि० देखो-अनास. अनाशप्-पज़म anashap-paz ham-ता. फल। अनन्नास । ( Pine apple). स. फा. । अनासाइकलस पाइरीध्रम anacyclus pyr. अनाशवादी anashavadi-ता० गोभी ! ethium, D.C.)-ले. अकरकरा । (Pel. (Elephantopus sca ber).-10 मे! litory) फा. ई०१ भा०। मेमो० । मे०। अनासिकः allasikah-सं० त्रि० नासिकाहीन, अनाशोवदी anasho-vadi-ता० गोभी । नाक रहित, बिना नाक का, नकटा । (Nose(Elephantopus scaber ). फा० ई० clipt) २ भा० । अनासिक anāsika-हिं० वि० [सं० अनहीं अनासपण्डु anāsa-pandu-ते. अनन्नास ! +सिका ] अनासिकः । ( Pine apple ) स. फा. इं० । । अनासिर aanāsira-१० (ब०२०), उन्.सुर अनासपुव्वु alāsa-puvvil-ते. अनासफल (ए.व.) तत्व । देखो-एलीमेंट्स ( Ele-हिं० । वादियाने खताई-अ०, फा० | Iilic ____nments)-इं०। ium abisatum, Linn. ( Fruit ! . ': अनासिर अब अह allāsira-arbaaah-अ० of-star anise ) ले० । स. फाइं०। तत्व चतुष्टय । युनानी लोगों के निकट केवल अनासफल anāsa-phala-हिं. सौंफ । अनस- । फज-द० । बादियान-बम्ब० । अण्णाशुप-पू । चार मूल तत्व हैं। वे प्रायों के माने हुए पाँच तत्वों में से श्राकाश तत्व को तत्व नहीं स्वीकार -ता० । बादियाने-खताई-१० । राज़ियानहे- । करते, प्रत्युत वे इसे खलाऽ अर्थात् शून्य मानते खाताई, बादियाने-खताई-फा० । अनास पुवु -ते० । ननत-पोएन-बर्मी० । Iliciumm हैं, पर नवीन अनुसन्धानों द्वारा यह बात भली anisatum,Linn. ( Fruit of-Stat' : भाँति सिद्ध हो चुकी है कि प्राकाश शून्य नहीं, प्रत्युत द्रव्यों की एक ऐसी दशा है जिसमें anise )-ले० । स० फा० इं० । मेमो०। देखो-सौफ। द्रव्य एक-रूप होते हैं । इसको अंग्रेजी में नोट-उपयुक फलका एक प्रकारके पुष्प के साथ ईथरिक ( Etheric) कहते हैं। देखो तत्व वा श्राकाश । साहश्यता होने के कारण किसी किसी ग्रंथ में : भ्रमवश इसका नाम "अनास फल" के स्थान में अनानु anāsu-कना अनरस, अनन्नास । (Ana "अनासफूल" लिखा गया है। इसके अतिरिक्र । nas sativus). किसी किसी फ़ारसी ग्रंथमें शब्द "अनास" तथा । अनासुप्पा anāsuppa-ता. वादियान ख़ताई । 'अनानास' अभेद रूप से उपयोग में लाए गए सोफ( Iliciuni anisatum, inm.). हैं; तदनुसार स्टार-एनीसी (अनास फल ) का | अनासुप्पान nāsuppan-त. बादियान नाम ग़लतीसे गुले अनानास अर्थात् अनन्नासपुष्प खताई । सौंफ (Illicitinm anisa tum, लिखा गया है। Linn.)-इं. मे० मे। For Private and Personal Use Only
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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