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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५१ अमृतसागरतथा प्रतापसागर तरंग १० पक्षाशांत २ अथपक्ष्भकोपवांफणीकारोगकोलक्षगलि. जींकाकोयांकीराफपीजातीरहेअथवाकोयांमैंधसिजाय अथ वाचाफपीयांमैषाजियपीआवै योरोगवायकाकोपकारजालि जैयोरोगबहुतभयंकरछे ईमेंसोजोभीहोयछै योअसाध्यछै३ अथपक्ष्मशांतपांफएगीकारोगकोलारालि नेत्रकाकोयो कीवांफणीजातीरहे अरउषाजियावेअरबलतिरहैयोप तकाकोप होय ईनपक्षमशांतनामयांफपीकोरोगकहिजै२ अथनेत्रांकासंधिमैनप९रोगत्यांकानामलिष्यते पूया लसा उपनाहर पैत्तिकश्राव कफाव४सन्निपातश्राव ५ रक्तचापपर्वणीका अलजी-जंतुयंथि९अथपूयाल सनेत्रकीसंधिकारोगकोलक्षगलि नेत्रकीमाहिलीपूत लीकनेकोयांकाअंतमैजोवासंधिछ सोवाडूषपीमायभरप किकरिवाजिनाय परवेगीमराधिसरासीनाडीजाडीघलीमा दैईनेपूयालसनामनेरकीसंधिकोरोगकहिजोअथरपनाह नामनेरकीसंधिकारोगकोलक्षरालि नेत्रकासंधिमंच डागांरिहोयअरोपकेनहीं अरमैषाजिश्रावै अरमैपीडन होहोय नीनेउपनाहनामनेत्रकीसंधिकोरोगकहिजेर अथपि तिकश्रावनेत्रकासंधिकारोगकोलक्षालिजांकानेत्रका संधिमैंजलकासुंहलदसरीसापीलायणाआवै वेनेंपत्तिकश्रावनेत्रकीसंधिकोरोगकहिजै अथकफश्रावनेत्रकासंथि कारोगकोलक्षालिटजीकानेरकासंधिमैजलकामांसूसुपे टूजाडाअरचीकणायावतीनेकफश्रावनेत्रीसंथिकोरोगक हिजै४ अथसन्निपातश्रावनेत्रकासंधिकारोगकोल For Private and Personal Use Only
SR No.020035
Book TitleAmrutsagar Vaidyak Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSawai Pratapsinh Maharaj
PublisherGyansagar Press
Publication Year1860
Total Pages590
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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