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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्राकृति निदान कुछ हिस्सा गले में भी जम गया है जिससे वहाँपर गांठे पैदा हो गयी हैं। इस तरहकी गांठें कुछ कम या अधिक संख्यामें पेटके ऊपर विशेषत: बायीं ओर दिखलाई पड़ सकती हैं। ___ इसमें कोई सन्देह नहीं कि इस बालकको दिल के धड़कनकी बीमारी है। उसे पसीना भी बहुत कम आता है, इस कारण उसकी पाचन शक्ति कमजोर हो गयी है, क्योंकि पसीनेका पाचनशक्तिके ऊपर सदा बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। ___ यदि सड़ा हुआ विजातीय द्रव्य बायीं तरफ सिरकी ओर और भी अधिक चढ़ जाता है तो उस ओर सिर और कानका दर्द पैदा हो जाता है और बाल उड़ जाते हैं। कुछ वर्षोंमें सिरपर गांठें पड़ने लगती हैं। यदि बादीपन बाई ओर होता है तो घात रोग पैदा हो जाता है। छातीमें भी बीमारी पैदा हो जानेका भय रहता है, क्योंकि, जैसा कि आप तस्वीरमें देख सकते हैं, उसकी गरदनके इधर उधर विष जमा हो गया है। यह पहले सिरकी ओर जायगा या छातीकी भोर, तबतक निश्चित नहीं हो सकता जबतक कि हमें कोई विशिष्ट लक्षण न खिलाई पड़े। उदाहरणकी भांति सूखी खांसी इस बातका चिह्न है कि फेफड़ेतक बादीपनका असर पहुँच गया है। अब कर्त्तव्य यह है कि विजातीय द्रव्य पीछे की ओर हटा दिया जाय। विजातीय द्रव्य पीछेकी ओर तभी हट सकता है जब कि स्नान और उचित भोजनके द्वारा शरीर के अन्दरवाली गरमी कम कर दी जाय । यह रोगी नवयुवक है और उसके . For Private And Personal Use Only
SR No.020024
Book TitleAakruti Nidan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLune Kune, Janardan Bhatt, Ramdas Gaud
PublisherHindi Pustak Agency
Publication Year1949
Total Pages160
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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