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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अकबर की धार्मिक नीति www.kobatirth.org अकबर के पूर्व सुल्तानों की धार्मिक नीति : (लण्ड ब ) इस्लाम व भारत में इसका प्रवेश : மன Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इस्लाम का उत्कर्ण व प्रसार विश्व इतिहास में युगान्तर घटना है । पैगम्बर मोहम्मद के पूर्व वरब मूर्ति पूजकों का देश था किन्तु ५७० मैं मोहम्मद के जन्म व उनके ज्ञान प्राप्त करने के बाद इस्लाम बरब वासियों के समय में रंगमंचीय नाटक की भांति यकायक उपस्थित हुवा और शीघ्र ही बड़ी तेजी के साथ विकास कर गया । जब मोहम्मद साहब ने ६३० ई०. मैं कुरैश की शक्ति नष्ट करके मक्का को विजित कर लिया तब लोग इस्लाम के काफी संख्या में अनुयाई हो गये और इस्लाम ने वृहत रुप धारण कर लिया । भारत में इस्लाम का आगमन बड़ी तीव्रता के साथ हुवा | लोगों की धारणा है कि भारत में इस्लाम धर्म का प्रचार विजेताबों की शक्ति तथा अत्याचार के कारण हुआ । किन्तु डा० ताराचन्द्र ने अपनी पुस्तक इन्फल्स ऑफ इस्लाम जोन इंडियन कल्चर में यह बताया है कि इस्लाम का प्रचार शांति पूर्ण ढंग से दक्षिण की ओर से हुआ । यही नहीं टामस बनार्ड का भी यही कहना है कि इस्लाम का धर्म प्रचार न तो बत्याचारी के निर्दय कृत्यों का परिणाम है और न मुसलिम यौथा के उस काल्पनिक रूप के कारण हुआ है जिसमें वह एक हाथ में तरबार और दूसरे में कुरान लिये चित्रित किया गया है। उनके धर्म प्रचार का मुख्य कारण उनके उपदेशकों का अथक परिश्रम तथा उनके व्यापारियाँ की कार्य दक्षमता है जिन्होंने इस मण्डल के कौने कौने मैं अपने धर्म की वाणी सुनाई, डा० ईश्वरी प्रसाद ने भी इसी मत का समर्थन किया है। १ वास्तव मैं दक्षिण भारत मैं मालावार आदि तटों पर शांति पूर्ण ढंग १ - डा० ईश्वरी प्रसाद मेडीवल इन्डिया पृष्ठ १२, १६६ For Private And Personal Use Only -
SR No.020023
Book TitleAkbar ki Dharmik Niti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNina Jain
PublisherMaharani Lakshmibhai Kala evam Vanijya Mahavidyalay
Publication Year1977
Total Pages155
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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