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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अग्रवाल जाति का प्राचीन इतिहास विशेषतया, राजपूताना की मारवाड़ी अग्रवाल स्त्रियों में दो फी सदी से भी कम शिक्षित हैं। पंजाब और दिल्ली में भी स्त्रियों में शिक्षा की बहुत कमी है । यद्यपि भारत भर के अग्रवालों में स्त्री-शिक्षा अन्य बहुत सी जातियों की अपेक्षा अधिक है, तथापि पुरुषों की तुलना में स्त्रियों में शिक्षा की इतनी कमी शोचनीय है। सामाजिक दशा-सामाजिक दृष्टि से अग्रवाल लोग हिन्दुओं की अन्य ऊँची जातियों के समान ही हैं । उनमें विवाह की आयु बहुत कम नहीं है । लड़कों का विवाह प्रायः २० वर्ष की आयु में और लड़कियों का विवाह प्रायः १५ वर्ष की आयु में होता है। फिर भी बालविवाह की सत्ता से इन्कार नहीं किया जा सकता। यह बात मर्दुमशुमारी की रिपोर्ट ( १९३१ ) की निम्न लिखित गणनाओं से स्पष्ट हो जायवेगीप्रान्त विवाहितो की आयु आयु आयु आयु कुल संख्या ०६ १४-१६ १७-२३ बंगाल पुरुष ५८५५ १९ ११५ २३८ १०९९ स्त्री ३७८२ २७ २०१ ५१२ ९७८ पंजाब पुरुष ७२५९० २९ ६४२ २२८७ १४५६५ स्त्री ७३३६७ २५५ १९६८ १८१६ २०७०२ राजयूताना पुरुष १८४०९ ३८ ३७६ ९५० ३५८३ स्त्री २१४१७ ६४ ११२७ २३८३ ५३३२ दिल्ली पुरुष ७३०१ २ २५ १५१ २२१० - स्त्री ५९३० ६ ७१ ४८२ २३२९ ३ For Private and Personal Use Only
SR No.020021
Book TitleAgarwal Jati Ka Prachin Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyaketu Vidyalankar
PublisherAkhil Bharatvarshiya Marwadi Agarwal Jatiya Kosh
Publication Year1938
Total Pages309
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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