SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 123
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org १२१ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अग्रवाल जाति का नागों के साथ सम्बन्ध -अग्रवाल लोग चाहे वे वैष्णव, शैव, या जैन कोई भी हों, सांप को नहीं मारते । मारना तो दूर रहा, वे उसे चोट मारना या सताना भी बुरा समझते हैं । २ – अनेक स्थानों पर हिन्दू अग्रवाल अपने मकान के बाहरी दरवाजे के दोनों तरफ सांप की प्रतिमा बनाते हैं । इस प्रतिमा की फल फूल द्वारा पूजा भी की जाती है 1 1 ३ – आस्तीक मुनि की पूजा अग्रवालों में प्रचलित है । इस पूजा का उनमें अपना एक विशेष ढंग भी है । आस्तीक मुनि जरत्कारु का पुत्र था। उसकी माता नागराज वासुकि की बहन थी । जब राजा जनमेजय ने नाग-यज्ञ किया, तब आस्तीक मुनि ने ही नाग तक्षक की प्राण रक्षा की थी । ४--- -अग्रवाल गूगा पीर के भी उपासक हैं। गूगा पीर उत्तरीय भारत का एक प्रसिद्ध देवता हैं, जिसका नागों के साथ घनिष्ट सम्बन्ध है । कुछ लोग उसे नागराज का अवतार समझते हैं । ५ - आस्तीक और गूगा की पूजा भी अग्रवाल लोग नागों को पूजते हैं । भारतीय इतिहास में नागों की समस्या बड़ी जटिल हैं । नाग लोग कौन थे, और नागों का सापों के साथ क्या सम्बन्ध था, यह निश्चित करना बड़ा कठिन है । जब हम ऐतिहासिक दृष्टि से इस समस्या पर विचार करते हैं, तो निम्नलिखित बातें हमारे सम्मुख आती हैं 'मंजुश्रीमूलकल्प' नाम का एक बौद्ध ग्रन्थ पिछले दिनों प्रकाशित हुवा है । यह एक इतिहास सम्बन्धी पुस्तक है, जिसमें भारत के अनेक के अतिरिक्त नागपञ्चमी के दिन For Private and Personal Use Only
SR No.020021
Book TitleAgarwal Jati Ka Prachin Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyaketu Vidyalankar
PublisherAkhil Bharatvarshiya Marwadi Agarwal Jatiya Kosh
Publication Year1938
Total Pages309
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy