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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आचा० सुत्रम् ॥१०९३॥ १०९३॥ समणे भगवं महावीरे कासवगुत्ते तस्स णं इमे तिनि नामधिज्जा एवमाहिति; तंजहा-अम्मापिउसंति बदमाणे १ सहसमुइए समणे २ भीमं भयभेरवं उरालं अवेलयं परीसह-सहत्तिक देवेहिं से नाम कार्य समणे भगर्व महावीरे ३, समणस्स गं भगवो महावीरस्स पिया कासवगुत्तेणं तस्स णं तिनि नाम तं०-सिद्धत्ये इ वा सिज्जसे इ वा जसंसे इवा, समणस्त पं० अम्मा वासिहस्सगुत्ता तीसे णं तिन्नि ना० त०-तिसला इ वा विदेहदिना इ वा पियकारिणि । वा समणस्स भ० पित्तिअए मुपासे कासवगुत्तेणं, समण. जि? भाया नंदिवद्धणे कासवगुत्तेणं, समणस्स णं जेट्टा भइणी सुदंसणा कासवगुणं, समणस्स णं भग. भज्जा जसोया कोडिन्नागुत्तेणं, समणस्स पं. धूया कासवगो तेणं तीसे णं दो नामधिज्जा एवमा०-अणुज्जा इ वा पियदसणा इवा, समणस्स णं भ. नत्तइ कोसीया गुणं तीसे गं दो नाम० तै-सेसवई इ वा जसबई इवा, (मू० १७७) प्रभुना अने तेमना कुटुंबना नामो. काश्यप गोत्रीय प्रभुन मातापिताए वर्धमान नाम पाडयु, स्वभावीक गुणोथी श्रमण नाम पाडयु अने भयंकर भूत विगेरेना तथा बीजा देव मनुष्योना वधाए परिसहो सह्या माटे देवोए श्रमण भगवान महावीर एबुं नाम पाडयुं. भगवान महावीरना पिता काश्यप गोत्रना तेमनां त्रण नाम इतां-सिद्धार्थ, श्रेयांस, यशस्वी. भगवाननी माता वशिष्ट गोत्रनी; तेना त्रण नाम छे, त्रिशला, विदेह दिन्ना पियकारिणि. भगवानना काका सुपार्च, मोटा भाइ नंदिवर्धन, मोटी बेहेन मुदर्शना ए बधा काश्यप गोत्रीय हता. भगवाननी भार्या यशोदा A-CA- A-CA-% For Private and Personal Use Only
SR No.020012
Book TitleAcharanga Stram Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShilankacharya
PublisherShravak Hiralal Hansraj
Publication Year1935
Total Pages328
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size15 MB
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