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७ महापरिज्ञा अध्ययन = विमोक्ष अध्ययन १ प्रथम उद्देशकः—
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[ म ]
४६० से ४६१ ४६२ से ५८
४६२
५१२
पार्श्वस्थ और अन्यतीर्थिक को अशनादि दान का निषेध, पार्श्वस्थों से दिये जाते हुए अनादि का अस्वीकार, अन्यतीर्थियों के बाद, सुप्रज्ञापितधर्म, दण्डनिषेध |
२ द्वितीय उद्देशक:
५१३
कर्मादि श्रहार की अप्रतिज्ञा और अग्रहण, घातादिसहन और धर्माख्यान, अमनोज्ञ को आहारादि देने का निषेध, समनोज्ञ को देने का विधान | ३ तृतीय उद्देशकः
५२३
यौवन में त्यागधर्म का स्वीकार, परीषह भग्नता, परीषहों में कर्त्तव्य, परकृत अनि का सेवन ।
४ चतुर्थ उद्देशक:
५३२
तीन वस्त्रधारी का श्राचार, शीत दूर होने पर वखत्याग, वस्त्रत्याग में तप, भगवद्भाषित ज्ञान-क्रियातत्त्व, प्रतिज्ञाभंग की अपेक्षा प्राणत्याग की श्रेयस्करता ।
५ पञ्चम उद्देशकः—
५४०
दो
धारी का आचार, अभ्याहत आहार का निषेध, वैयावृत्य करने और न करने के अभिग्रह | ६ षष्ठ उद्देशक:
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५४८
एक वस्त्रधारी का आचार, एकत्वभावना, स्वादनिग्रह, संलेखना का विचार, संलेखना विधि |
७ सप्तम उद्देशक :
अचेलक का आचार, अचेलक का दुःखसहन, आहार ग्रहण की चतुभङ्गी, उद्यतमरण ।
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८ अष्टम उद्देशक:
१ प्रथम उद्देशक - वीर की चर्या
२ द्वितीय उद्देशक वीर की शय्या
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समाधिमरण, कषाय आहार का त्याग, जीवन-मरण में समभाव, संलेखना अनशन, अनाहार-उपसर्गसहन, इङ्गितमरण, पादपोपगमन, सहिष्णुता । ६ उपधानश्रुत
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३ तृतीय उद्देशक - वीर की सहिष्णुता ४ चतुर्थ उद्देशक - वीरप्रभु की तपश्चर्या १० परिशिष्ट
( अ ) विशिष्ट पाठभेद ।
(ब) पारिभाषिक शब्दकोष ।
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