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________________ .. वैदिक : संहिताएं और साहित्य आकार (से० मी०) । पंक्ति अक्षर | दशा/परिमाण | । लिपिकाल. प्र० पं० प्र० पं० (अनु० छन्द में) विशेष विवरण . . ८ (क) २८x१२.३ | पूर्ण/८४० ३०४१४ न्यायशास्त्र से सम्बन्धित ईश्वरेच्छा, प्रमाणादि विषयों का प्रौढ़ शैली में विवेचन १८३३ वि० | जीवनमुक्तविषयक आध्यात्मिक विवेचन भाद्र शुक्ल पक्ष ७ बुधवार) । | इसमें वेदान्त दर्शन के अध्यास, अद्वैत आदि विषय प्रतिपादित हैं लिपि में अशुद्धियाँ बहुत हैं यह आदि शंकराचार्य की कृति निस्सन्देह रूप से नहीं कही जा सकती है २१४११.५ । २५ | ९ | २८ | पूर्ण/१९७ २१४११ ४३ | ९३२ | पूर्ण/३८७ २२४१० ३ ९ | २२ | अपूर्ण/२५ १०.५४८ | अपूर्ण/(मध्य में खण्डित) पूर्ण/७७ २१४१४ इसमें साधनचतुष्टय, पंचकोश, पंचीकरण, तथा जीवन्मक्तावस्थादि का वर्णन किया गया है २८.३४१३.५ । १० २८ | पूर्ण/७८ १९२३ वि० २६४१३ | ३२ | पूर्ण/४०३ विधारण्यमुनिकृत 'तत्त्वविवेक' के प्रथम प्रकरण पर टीका १८६४ वि० २४.५४११ ३२ | पूर्ण/३२० ३१.५४१८ | पूर्ण/२७२ २६४११ | १५ | ५० | पूर्ण/१८७५ १७२८ वि० 'तर्कभाषा' की टीका एक प्रकरण' ग्रन्थ १६.५४ १९.५ ४४१ | १४ | १४ | अपूर्ण/२७०१
SR No.018137
Book TitleSanskrit Prakrit Hastlikhit Grantho Ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandika Prasad Shukla and Others
PublisherHindi Sahitya Sammelan
Publication Year1976
Total Pages514
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size22 MB
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