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________________ क्रम संक्या १४१ १४२ १४४ १४५ १४३ १०२७ १६२२ १४६ १४७ १४८ १४६ वेष्टन एवं ग्रंथ-संख्या १५० १८३५ ३५०२ १३६२ २१६१ १९९४ ४२५४ ९६० १५५० ११०४ भर्तृहरिशतक १७०१ १८३५ ३५०० भक्तमाल १८२८ ३४६० भक्तिमाल- रसबोधिनी भरतमिलाप ग्रंथ भवानी - विलास भाव- शतक भाषा - कवित्त १९०० भूपाल - चतुर्विंशति ३७७७ १८९४ भूपाल - चौबीसी ३७५४ ( सटीक ) ग्रंथकार अग्रनारायण दास ईसरदास भर्तृहरि जगन्नाथ, पंडितराज नागराज शारंगधर गंग कवि विनयचंद्र रचनाकाल T T ――――― T काव्य 1 लिपि-काल T १८३३ वि० 1 १७२८ वि०० | 1 भाषा हिन्दी संस्कृत " हिन्दी संस्कृत पूर्ण या अपूर्ण अपूर्ण अपूर्ण " "1 कागद नया पुराना "1 "1 " नया पुराना नया पुराना पृष्ठ एवं आकार ६२ : १०४ : १३x६" १२: २: १६ : १५: १३४५" २४ : १० ।। ४४ ।। " १० : १० : ५ × ४||” १० x ६" | कैथी लिफि १०x४" ३०: ११४७।। " ११ x ८ ||" प्रतिलिपि ६ ॥ ४४" विशेष विवरण ७४४।। " ३२० पर प्रियादास की टीका वैष्णवदास की उपटीका
SR No.018114
Book TitlePandulipiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHindi Sahitya Sammelan
PublisherHindi Sahitya Sammelan
Publication Year1879
Total Pages472
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size25 MB
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