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________________ 3.1 The Sterâmbara Works Age.- Not modern.. Author.- śāntasaubhagya, pupil of Premasaubhagya. Subject.- Life of Agadadaita based upon Nandisútra as stated by ___the author. Begins.- fol. I. ॥५०॥ श्रीगुरुभ्यो नमः सारदाय नमः भीमहिमा जग विस्तर नीत जपता जस नाम | है जिन पायना प्रणमाई लहिर वांछत काम ॥ १॥ etc. अगडदत्त मुनीवर भलो पाम्यो भवमो पार । मारीचरित्र विलोकनी अथर जाणी संसार ७ etc. Ends.-- fol. 286 एहवा चरीत्र जे नारिना जाणी अलगा रहजो तुमो प्राणी हे.हु.॥६॥ मे तो काहा छ बालक्रीडा हुं सं जोडी जांणु हे. सु.॥७॥ परूने पसार करीने जाण अगडदत्त ऋषी वशाणं हे.ई. ॥ ८॥ राजसागरसुरीश्वरसीज्य सकल पंडित माहे दक्ष है..। 15 रघधरी नमी वृधसागरसूरी एक जानमा मत जेहरी पुरी..॥ लक्ष्मीसागर पट्टराया कल्याणसागर पद पाया है. सं.। बाचक माह सीरोमणी जाणो सत्पनो भाग्यशाणो हे. मुं.. पाचक इंद्रसौभाग्य गुरूया वीरसौभाग्य पद पाया है... . . तस पाटें गुरु एहवा राजे ज्ञाने करनि गाजे हे. ॥१०॥ 20 प्रेमसौभाग्य एक पसाउँथी शांतसौभाग्य एण गाया है. 8. ॥१०॥ भोको अधिको जे में काहो मी(मि)च्छा मी(मि) (क)ड में दीधी हे.. 'पाटण'माहे ए गुण गाया जात निसाण बजाया हे. ॥११॥ नन्दिसत्रमा प तुमो जाणो ताहांथि एम आणो हे..१२ संबद (सं)जमगुण आणो नाग पर्वत (१७८७ ) जाणो हे.. छवीमी एकही हाल होजो मंगलमाल है. उ. १२ (१) ॥ मादरवा सद एकादस जाणो बार तेऽर्क वरखानो॥ इति भीअगडवत्तचत्रिण बीतीय पंड संपूरण श्रीपार्चप्रसादेण . कृतं ७ मावरको मास तमें जाणो सर्व गाथा ८४६ श्लोक २५६ Reference.- This very Ms. is noted in Jaina Gurjara Kavio (Vol. II, p. 562). 30
SR No.018100
Book TitleDescriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 19
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Rasikdas Kapadia
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages480
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size25 MB
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