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________________ जैन सैद्धान्तिक, तात्त्विक, दार्शनिक, आचार व न्याय ग्रंथ 8A 9 10 . चारों पुरुषार्थ पर 2427x12*6x44 |सं. चारों वर्ग 174 पद | 1872 काननपूर शिवलालचंद " " , 19वीं 1756 की कृति 18,8, 22से27 x 11से17 12,8,8, 101 1224x12*13x29 , 176 पद 1907 12x26*15x30 पू. 112 गा. 19वीं प्रथम पन्ना कम औपदेशिक 27x12*14x37 सं. 55 26x12*17X31 |,, 69 श्लोक 1895xहेम 1884पाडलाऊ मोतीचंद लिपिक की प्रशस्ति है 1889सुभटपुर अक्षयसुंदर प्रशस्ति है। श्लो. पदच्छेद में 17वीं 26x12*11x35 | , 104 श्लोक नैतिक साहित्यिक 4 | 25x11*20x52 अ. 156 श्लोक औ.+ +, 40 1791x धैर्यसागर 25x11*15x34 | प्र. 1086 श्लोक | 26 x 12 व 26 x 13 | सं. 21 गा. ग्रं. 250 चान पन्नों में सभी भाषा के सैद्धान्तिक 19वीं औपदेशिक 19-12*11x23 | 1919 लश्कर हरकचंद सामान्य ब्रह्मचर्य पर 15* 21x12*12x32 3,39 दोहे 1977-8 तात्त्विकादि जैन न्याय भक्ति 25 x 12 व 25 x 11 , 10 स्थान तक 33x22*54x32 | , 33 गा. 25x11*10x38 |, 32 मूलकारिकायें 19/20वीं 1924 अजीमगंज जीवा 1799फलवर्धी कृति 20वीं +10पद प्रकृत में जप संबन्धी औपदेशिक 26x11*12x45 1897 सुभटपुर 23x10*13x36 |, 71 छंद 20वीं कुशल तात्त्विक थोकड़े बोल | 26x12*11x40 5गा. का 106अनुच्छेद 20वीं d/o रत्नराज खरतर 26x12*11x38 , 108 गा. 1880xतिलकसागर व्याख्या 1627 जयपुर कृति " ---- 3 | 33 x 22*60 x 36 | सं. ,, (पन्ने 203-5) | 1926 बीकानेर 26x12* तालिकायें |, 119 द्वारों से 19वीं तात्त्विकादि | 110,61 विभिन्न त्रुटक बंधन शेष सामान्य 18/20वीं | 65 "
SR No.018081
Book TitleBadmer Aur Mumbai Hastlikhit Granth Suchipatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSeva Mandir Ravti Jodhpur
PublisherSeva Mandir Ravti Jodhpur
Publication Year1915
Total Pages188
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size13 MB
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