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________________ जैन सैद्धान्तिक, तात्त्विक, दार्शनिक, आचार व न्याय ग्रंथ 39 7 | 8A 9 10 ॥ औपदेशिक 27x11*17x64 | अपूर्ण (1/3 भाग है) 16 वीं वृतिहेयोपादेय नाम्नी 11 26x11*25x62 सं. 538 गा ग्रं. 1350 16 वीं 8025x11*19x48 | सं. 1817 बगड़ी रामविजय 26x11*11x40 | सं. 26 गा. 18 वीं 25x11*5x37 1785 खोड आमोदसागर 25x11*9x36 | 25 x 11*17x57 18 वौं 1 3से26 तक हैं | 19 वीं 25x11*15x45 सं. 50 श्लोक का 1724 तरेयां, 25x11*17x47 | सं. सह कथा 1827 जसोल देवचंद 26 x 10*16 x 36 | प्रतिपूर्ण 18वीं 25x11*16x39 | सं.72 गा. 19 वीं ,, नश्वर+ ___ अशुचि 11x9*13x12 |,, ,, (गु.पन्ने 82-90) , अपरनाम गर्भावाससत्तरी साधुउपकरण विधान 6 26x11*15x50 1610 नारदपुरी, सौभाग्यवर्द्धन 5 22x12*12x.33 ,,सहधर्मोपदेश सोदाहरण 19 वीं शोकसभा(उठामणा) प्रवचन 3,5 25x12 व 26x11 |,. 20 वीं साधु गुणानुवाद 33 x 22*60 x 32 1926 32 गा. औपदेशिक कथासह 206 26- 11*13x45 | ,, 218 गा. ग्रं. 7590 17 वीं प्रशस्ति है 94 25x11*15x51 | अ. 12 गा. तक ही है | 17 वीं 26x11*17x40 | सं. 234 गा. 1838पचपद्रा फतेहसागर नश्वरता उपदेश 25x12*15 x 40 दृष्टान्त कथायें 26x.12*11x25 सं. 19 वीं रूपकनुमा सं. 15 कथायें . 1897 थोभ हुकमचंद प्र. 85 दोहे 1964 x हुकमी महाराज सं. (गु. पन्ने 77 से 86)1947 सिवाणा रूपचंद साथ में शुकनावली है औपदेशिक नैतिक 20x11*24x42 अक्षरानुसार उपदेश 10 16X13*15x15 23 x 15*18x35 । औपदेशिक 1889xविवेकसागर -कर्म सिद्धान्त ४ | 27x11*4x26 , 25 गा. 116वीं वसुन्धरानगर 112से सब नवीन कर्म ग्रं.
SR No.018081
Book TitleBadmer Aur Mumbai Hastlikhit Granth Suchipatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSeva Mandir Ravti Jodhpur
PublisherSeva Mandir Ravti Jodhpur
Publication Year1915
Total Pages188
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size13 MB
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