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________________ जैन सैद्धान्तिक, तात्त्विक, दार्शनिक, आचार व न्याय ग्रंथ 33 | 8 8A 9 10 11 11 त्त्विकबोलसंग्रह 5,4 28x13427x11 पत्याग उपदेश 26 x 12*26x64 संपूर्ण,दूसरीमें 1 पन्नाकम 20वीं मुंबई पुनमचंद | सं. 18 ढाले ,, 19 ढालें 1943-44 नया शहर 1840 की रचना डेह में - 24x10*10x29 19वीं-लब्धिचंद्र 26X11*14x47 । .. 18 19वीं श्रावक व्रतस्खलन 33 x 22*57x32 X2 " " , ग्र. 216 1924, अजीमगंज, जीवा | 21 x 11*14 x 30 1957 सेलावास 19,6,8, 23 से 25x11 से 12 | अंतिम अपूर्ण शेष 19/20वीं 44 सं. 49 गा०। 28* 25x12*12x33 संपूर्ण सामान्य संकलन आत्म विवेचन 20वीं 11325X11*13x39 1957 विक्रमपुर केशरीचंद जैन न्याय की प्रतिष्ठा औपदेशिक पद 25 x 11*13x39 पहिला पन्ना कम 52 कवित्त 1 814, बीकानेर, राजधर्म भक्तिगुरुखरतर 25x11*12x29 संपूर्ण 25+22+19 गा. 19वीं सहसुमतिनाथ स्तवन अध्ययन अयोग्य समयादि 5समिति 3गुप्ति 26 x 12*6x38 ,, ग्रंथान 180 1892 पालीताणा विवेकसागर संपूर्ण विषय 23 26 x 11*18 x 50 दर्शन,सूत्र,चरण,बोध,भाव | 1872 वल्लभपुर ,, ,, वमोक्षकुल 6 प्राभृतगा.444 33x22*18X27 | संपूर्ण 108 गाथा 1926 अजीमगंज जीवा । पन्ने 137से142 साधु व्यवहार पर 6 प्रतिमापूजादि पर 12 25x11*13x42 ,, नं. 461 1595 मेड़ता आगम वृतान्त 17* 25 x 11*16x39 सं. 36 पद 19वीं शास्त्र सारांश 60 26x||*13x41 सं. अंतिम पन्ना गायब | 19वीं जीर्ण/1776 की रचना 24,64 27 x 13 व 26 x 11. सं. प्रशस्तिसह 19वीं अपरनाम आगम सारोद्धार 60,8 24x12 व 25x11 | सं. 28x14*8x39 सं. छवर्ग 1898 बोरसद विवेकसागर रत्नसूरि शिष्य बीपदेशिक नीति कर्म सिद्धान्त ___4 26 x 11*16x56 सं. 1734 बोडावड़ मु. बिरदा 126x12 व 25x11, सामान्य 19/20वीं 19/20वीं 23x10 व 28X14, दूसरी में "भले का अर्थ" भी 25 x 10*12 x 39 20वी 2 26x11*18x54। । 18वी
SR No.018081
Book TitleBadmer Aur Mumbai Hastlikhit Granth Suchipatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSeva Mandir Ravti Jodhpur
PublisherSeva Mandir Ravti Jodhpur
Publication Year1915
Total Pages188
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size13 MB
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