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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra मंगलकामना प्रकाशकीय www.kobatirth.org अनुक्रमणिका प्राक्कथन अनुक्रमणिका प्रस्तुत सूची में प्रयुक्त संक्षेप व संकेत हस्तप्रत सूचीकरण सहयोग सौजन्य एवं सादर ग्रंथ समर्पण Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ...iv v-vi .vii-viii . १-४८६ .४८७-५९६ हस्त सूची परिशिष्ट कृति परिवार अनुसार प्रत पेटाकृति अनुक्रम संख्या.. १. संस्कृत, प्राकृत व अपभ्रंश भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत-पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट १ २. देशी भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत- पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट - २ For Private and Personal Use Only .४८७-५४८ ५४९-५९६ इस सूचीपत्र में हस्तप्रत, कृति व विद्वान/व्यक्ति संबंधी जितनी भी सूचनाएँ समाविष्ट की गई हैं, उन सबका विस्तृत विवरण व टाइप सेटिंग संबंधी सूचनाएँ भाग ७ के पृष्ठ vi एवं परिशिष्ट परिचय संबंधी सूचनाएँ भाग ७ के पृष्ठ ४५४ पर हैं. कृपया वहाँ पर देख लें.. प्रस्तुत खंड १५ में निम्नलिखित संख्या में सूचनाओं का संग्रह है. o प्रत क्रमांक ५९२३६ से ६२९४० O इस सूचीपत्र में मात्र जैन कृतियों वाली प्रतों का ही समावेश किए जाने के कारण वास्तविक रूप से २६२२ प्रतों की सूचनाओं का समावेश इस खंड में हुआ है.. समाविष्ट प्रतों में कुल २६३५ कृति परिवारों का समावेश हुआ है.. ● इन परिवारों की कुल ३५३४ कृतियों का इस सूची में समावेश हुआ है. O सूची में उपरोक्त कृतियों कुल ६९२४ बार आई हैं. iv
SR No.018061
Book TitleKailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 15
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2013
Total Pages612
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size11 MB
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