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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatith.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir अनुक्रमणिका मंगलकामना : समर्पण ............................... =: प्रकाशकीय ............................................................... = ८ प्राक्कथन .. ................v-vi ... ... ......... vi-x .....xi कैलास श्रुतसागर सूची प्रकाशन की रूपरेखा ...................... प्रस्तुत हस्तप्रत सूचीगत सूचनाओं का स्पष्टीकरण ............... अनुक्रमणिका .. प्रस्तुत सूची में प्रयुक्त संक्षेप व संकेत ............ .... xii-xiii हस्तप्रत सूचीकरण सहयोग सौजन्य ....... ......................xiv हस्तप्रत सूची .................. ............... १-४५३ परिशिष्टः कृति परिवार अनुसार प्रत-पेटाकृति अनुक्रम संख्या.. .. .............४५४-४५६ १. संस्कृत, प्राकृत व अपभ्रंश भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत-पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट - १ ... ...............४५७-४९० २. देशी भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत-पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट - २ ... ..४९१-५९० प्रस्तुत खंड ७ में निम्नलिखित संख्या में सूचनाओं का संग्रह है. 0 प्रत क्रमांक - २६९९१ से ३००२९ 0 इस सूचीपत्र में मात्र जैन कृतियों वाली प्रतों का ही समावेश किए जाने के कारण वास्तविक रूप से २२८५ प्रतों का समावेश इस खंड में हुआ है. ० समाविष्ट प्रतों में कुल ४३४८ कृति परिवारों का समावेश हुआ है. 0 इन परिवारों की कुल ४७८८ कृतियों का समावेश हुआ है. ० सूची में उपरोक्त कृतियों कुल ६७९० बार आई हैं. For Private And Personal Use Only
SR No.018030
Book TitleKailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 7
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2008
Total Pages612
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size8 MB
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