SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 18
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatith.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir अनुक्रमणिका मंगलकामना : समर्पण ............................... =: प्रकाशकीय ............................................................... = ८ प्राक्कथन .. ................v-vi ... ... ......... vi-x .....xi कैलास श्रुतसागर सूची प्रकाशन की रूपरेखा ...................... प्रस्तुत हस्तप्रत सूचीगत सूचनाओं का स्पष्टीकरण ............... अनुक्रमणिका .. प्रस्तुत सूची में प्रयुक्त संक्षेप व संकेत ............ ..................xii-xifi हस्तप्रत सूचीकरण सहयोग सौजन्य ....... ......................xiv हस्तप्रत सूची ................. ...............१-४७४ परिशिष्टः कृति परिवार अनुसार प्रत-पेटाकृति अनुक्रम संख्या.. .. ........४७५-४७७ १. संस्कृत, प्राकृत व अपभ्रंश भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत-पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट - १ ... ...............४७८-५२५ २. देशी भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत-पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट - २ ... .....५२६-५९० प्रस्तुत खंड ६ में निम्नलिखित संख्या में सूचनाओं का संग्रह है. ० प्रत क्रमांक - २१००१ से २६९९०. ० इस सूचीपत्र में मात्र जैन कृतियों वाली प्रतों का ही समावेश किए जाने के कारण वास्तविक रूप से २७०८ प्रतों का समावेश इस खंड में हुआ है. 0 समाविष्ट प्रतों में कुल ३१६६ कृति परिवारों का समावेश हुआ है. ० इन परिवारों की कुल ३८६० कृतियों का समावेश हुआ है. ० सूची में उपरोक्त कृतियों कुल ६७९१ बार आई हैं. For Private And Personal Use Only
SR No.018029
Book TitleKailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 6
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2008
Total Pages612
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy