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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra सचित्र कल्पसूत्र, पंचपाटी, सुलेखन कला से युक्त, वि.सं. १तृवी सदी. दिव्य समयसी निक ततः शतितीरंपरागत आय निकम्मान विहसिती र माग । अनिडर रंग मामादाविकपणे शामिड समये ॥३४॥ कलेव मनोरमेलि मिश्रा सिहिंगो अमलाम नमः गच्छसि। रमेव समयेरिनि), डवरागामगए नगरे वजण संतिमगांव समयेगो श्रम मायमाया पा X बोलन उपमानायाम्म निसम्मनासि । खकदि प्रकारेण दिनं अश्वार्धयनियमण्डनमा दिखे। रागदो मिं परिरुपशोभितायनज्ञानमादिपनि सिद्दिगई गए गो श्रमतिवमि देवा विडिय रक्त मात्रा गोतमन्त्रतिनामा 995 मित्रको ध्ययन॥॥॥ गण रुबाबद X म नो xxxसा Xx का आनन्दघनचोवीसी, www.kobatirth.org. स्क नरें 3 ि Seemer मर ॥ WWWWW एवगान पदर में दी नही काव्यादिकग्रदो ॥ नदिरात मकाया किकतो दोसाध|धरदो।।। छंतर ताज्ञानानंद रावत ॥ वरजितसमाजवद्याधियविधि ninibs dn ते विवियानीमाय निर्कितीर मादामी पनवे मधमा यादरी की रमणीरंग दिला कारिमलटारमा रम मदरसा सकलनमा राममायाक्सुमित फलदातामा विस्तार ऊसक तमारा लिय दीयांतणारे वालियार श्रीया मामीण रतिक्रम निभायी तिफल पाइय Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रंपरतीरे जातो म मानयोग् नवना पोलिक्लि परिणामप्रति मात पदमा Grey रिपूर्ण मी xx ४२ संयम नवाश्या सा x तामिन www-ContaCort हिमा लोकि काफनरसिं शिक्षामन भ भीकमपुरखादीस सिनवंदरिएमा पापमन 14 सामीणाइतिश्रीयाद काशी किनकित सममिनिसचीत लाख याविनको कित सामजिमिलर सिमागत नामानिमीवीर पारि दिनदयानंद नायकवाद नेदमसिसागराफलिनामि॥२॥ इतिनमस्कारासमाप्तानि लिखितामित For Private And Personal Use Only समय निगमय पदा दोश्वमत या दिवसापर पान गागर ॥ इमामानमा ४ वहिरात जे तस्यातमा ईथर मध्य फल्लिका में तीर्थकर चित्र, वि.सं. १६-१०वी सदी 2005 Salon Sy Granfitses unp Liberal
SR No.018024
Book TitleKailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2003
Total Pages615
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size5 MB
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