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________________ मंडप....... विशेष नामों की सूची - परिशिष्ट १३ - ६०३ विशेषनाम किम् ग्रंथांक विशेषनाम ग्रंथांक | विशेषनाम किम् ग्रंथांक महीलण ...................श्रेष्ठी |मानतुंग .................... प्रासाद... ............... जि.ता.२८.५० मुनिसिंह गणि............ लेखक ............ ..... जि.का.१३२६/१५ महीसमुद्र वाचक ....... .............नि.का.२१७५ मानदेव .................... श्रेष्ठी ...... ... जि.ता.३४० मुनीन्द्रसूरि ................ ..... जि.ता.३५६ महेन्द्र ...................... श्रेष्ठी ............... जि.ता.२२५ मानदेवसूरि ........................... ... जि.ता.२३७ मुरारि पंडित .......... जि.ता.३२८,३५६ महेन्द्रनृप................... राजा .... ........... जि.ता.२५२ मानसिद्धि गणिनी........ साध्वी जि.का.१५८१ मुलतान ................. नगर ...... जि.का.१४४९ महेन्द्रसूरि .............----- ............................. जि.ता.२७२,२७९,३१२, मानसिंघ गणि ..................... जि.का.१८४३ मुलासी .................. लेखक.. .जि.का.५१ ............................... जि.का.१७९२,लो.गच्छ ता.२/८ मानसिंघ मुनि........ . जि.का.८०६ मुंजला .................. श्रेष्ठिनी. ..जि.ता.२३६ महेवा ...................... ग्राम.................................... जि.का.१३६९ मानसिंह ................... श्रेष्ठी ...... जि.का.१४५० मुंबटा ...... जि.ता.१९/५ महेश्वरकवि................ ग्रन्थकार.................................. जि.ता.३५० मानांक पंडित ............ ग्रंयकार ............ जि.ता.३४७/१ मूलदेव ................ श्रेष्ठी ........ जि.ता.२३७,२५६ मंख........................ ग्रन्थकार ...................................जि.ता.३१० मानू........................ श्रेष्ठिनी ....... ... जि.का.३६४ मूलनारायणदेवीय मठ ................ ....जि.ता.३९१ मंटजिनेशमंदिर .......................... ...............जि.ता.२३१ मामल्लदेवी ............... श्रीहर्षमाता .......... नि.ता.३४१ मूलराज..................... .... जि.ता.२५९ मंडन ... ....... श्रेष्ठी .......... ...................त.ता.८ मालदेवविजय ............. राजा ................. ...जि.ता.२३६,४२६ ......... जि.ता.१६८ मूलराज .................... श्रेष्ठी .......... ..........जि,ता.११२,२५९ मालव ..................... देश ................ जि.ता.३६१,जि.का.९५५,१०६७ मूलसंघ ................... ......जि.का.१६७० |मंडपदुर्ग ................... नगर ............. जि.ता.२८१,जि.का.१०६७,१४५३ मालारोपोत्सव ........ उत्स व .......... ............जि.ता.४२६ मूला ...................... श्रेष्ठिनी. ........त.ता.नं.८ मंडली ग्राम..... ............. जि.ता.७६,३०१ माल्हणदे.................. श्रेष्ठिनी......... .................जि.ता.४२६ मूंजालदेव ............... जि.ता.२५६,जि.का.१३६५ मंडलीक................... ................................... जि.ता.२३६ माहण... श्रेष्ठी .......................त.ता.नं.२ मृगाई ............... श्रेष्ठिनी ............जि.का.२९५ मंडिक ............... गणधर ...................................जि.ता.२७ ...... जि.ता.२७२ माहेश्वर. श्रेष्ठी .......जि.ता.२१७,२७२ मगादे .............. ............. जि.का.१३६९ मंडोवरा .............. जाति..... जि.ता.४२० मांडण जोषी ........ लेखक ..........................जि.का.५९२,१८५९ मृगावती...................श्रेष्ठिनी................................जि.का.१५३६ ...जि.का.९० मांडलिका ................. श्रेष्ठिनी जना - |मंत्रीदलीय ............ मेघराज.................. ...................................त.ता.८ .. श्रेष्ठी .............जि.का.१०८,थाहरु शाह.का.२८९ माऊ.......... श्रेष्ठिनी.. .....त.ता.८ मांडव्यपुर .................. नगर ........... ....................... जि.ता.१२ मेघविजय मणि ...... ........जि.का.१२७५ श्रेष्ठी .. त.ता.नं.२ मियावई ................... प्रवर्तिनी ...........................लोकगच्छ ता.४ मेष ... ..........जि.ता.४२६ माणिकि ............. श्रेष्ठिनी..... जि.ता.२३६ मीमांसक .................. संप्रदाय ...................... .........................जि.ता.३७३ मेडता................... ........ जि.ता.२३२ माणिक्यपाटकपुर .......... नगर .................... जि.ता.४०३/१,४०३/२ मीरामबीरवश्याह .......... राजा ...... ................... जि.का.१३७७ मेतार्य....... मिताय......................गणधर...... mmmmm.........................नि.ता.२७२ माणिक्यसूरि......... .. जि.ता.२०६ मुकुट .................. ...................... जि.ता.२३२ मेदपाट .................... ग्राम......... .................... जि.ता.२७०/५ माणेक...................... श्रेष्ठी ............ जि.ता.१५७/५ मुकुलभट्ट पंडित ............. .....जि.ता.३१४/२,३२९,३३१ मेदपाठ ......... ................जि.का.१८३२ माण्डलिक विहार........ प्रासाद ...... ..जि.ता.२१७ मुणाग .....................श्रेष्ठी ..जि.ता.१३२ मेया .................. ..लेखक-मुनि........................... जि.का.१३९८ माण्डव्य पं......... जि.ता.११४/५ मुनिचंद्र उपा. ....... ............... लो.ता.४ मेरु मुनिवाचक ............ लेखक-मुनि ......... जि.ता.६८/२,जि.का.१३,९४४ माथुर ...................... वंश....... ..जि.का.२४८ मुनिचंद्रसूरि ..................... .....जि.ता.८४/१.२०५.२३२,२३६,२६०,२६४ मेहा .................. ....जि.ता.१८३ माधलदेवी ................. श्रेष्ठिनी................................... जि.ता.२०६ मुनिप्रभगणि ............... .................... जि.का.८६२ मेहाजल पं. .............. यति ....................................जि.का.१४८३ मंत्री ..... श्रेष्ठी. श्रेष्टिनी वंश... माणिक ............... श्रेष्ठी .... देश....... 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SR No.018010
Book TitleJesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year2000
Total Pages665
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size14 MB
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