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________________ ....... साध्वी ........श्रेस्टिनी. ... श्रेष्ठी. ६००-विशेष नामों की सूची- परिशिष्ट १३ विशेषनाम किम् पंचांक विशेषनाम पंचांक विशेषनाम पुण्यवल्लभ उपा. ............... जि.का.१३५२ पूर्णभद्र... श्रेष्ठी .... ..........जि.ता.८५ प्रसनचंद्रसूरि.......................................... ......जि.ता.२३५,२५६ पुण्यसागर उपा. ..................................जि.का.८५,जि.का.२७,१३९१ पूर्णसिंह, ................. जि.ता.३१/२ प्रहलादनपुर................ नगर ...........जि.ता.१५,१६१,२७०/३,२७२,३४०, पुण्यसिद्धि गणिनी ....... साध्वी .... .जि.का.१५८१ पूर्णिमापक्ष ................. गच्छ .............. जि.ता.२७५,४१९,जि.का.१०८६ .......................................................जि.का.१३००/३,१२७५/१ पणियनी.....................ाष्टना जि.ता.२१७ पृथिवीदेवी श्रेष्ठिनी ..... .......................... जि.ता.२०६ प्रहलादन ..................श्रेष्ठी .................................... जि.ता.२३६ पुनिणी ..................... श्रेष्ठिनी......................................लो.ता.८ पृथ्वीधर.................... ग्रंथकार ............................... जि.ता.३८१/१ प्राग्वाट .................... शाति.....................................जि.ता.२५० पुन्नाग .. ......श्रेष्ठिनी... ........ जि.ता.५०,२८ पृथ्वीपाल....... .राजा. .........................जि.ता.२८,५०,२५९ प्राग्वाट .................... बंश......................... जि.ता.२०६.२१७,२३९, श्रेष्ठिनी ..... .................. जि.ता.१५ पेथड.... श्रेष्ठी .................................... जि.ता.२०६ ..................२३९/२,४०३/४,जि.का.८२७,२१७५ पुरा आरज्या ............. जि.का.७२९ पोरुयाड.. ... वंश. ........ जि.ता.२५९ प्रियमति ................... श्रेष्ठिनी.......................................लो.ता.८ .......जि.ता.४२६ पौषधालय धर्मस्थान ....................... त.ता.८ प्रेमराज ................ श्रेष्ठी ...................................जि.का.२४७ पुरुषाक ................... लेखक........... ..................जि.का.२४८ प्रतापदेवी वेष्ठिनी. ............................ जि.ता.२०६ प्रेमिका................. ...श्रीष्ठ नी .................................... जि.ता.३१ पुरुषोत्तमदास ............. लेखक................................जि.का.१४७८ प्रतापसिंह लेखक. ..........................नि .ता.२०६ पुरोहित .................... शाति..................................... जि.ता.५४, प्रतापसिंह. .................. जि.ता.२३६ | फतूबाई ....................श्रेष्टिनी ................................ जि.का.२२३९ ................... १२२,१४८,१९२,३१५,३६४/५,१४८३ प्रतिपदा.................. ....तिथि................................... जि.का.१८२३ |फम्म ण....................श्रेष्ठी .....................................जि.ता.११९ पुंजराज ....................श्रेष्ठी ....................................जि.का.१०८ प्रतिमा...... ४. म ................................जि.ता.२५५ज.का.१०८ फलवाद्ध कापुर...........नगर...................................जि.का.१७३५ पुजा.........................श्रीष्ठनी..................................जि.ता.४२६ । प्रतिष्ठा ........................................................ जि.ता.३९/२,३४० फूदी .......................श्रीष्ठनी.................................. जि.ता.२३२ पुंडरीक .................... गणधर .................... जि.ता.२५०,जि.का.४०० प्रत्यागदास ............. ..................................... जि.का.१४७८ ब पूनपाल....................श्रष्ठी .........................................त.ता.८ प्रद्युम्न ..................... श्रेष्ठी प्रद्युम्न ...........................श्रेष्ठी .................................... जि.ता.२०९ ........ बकुलदेवी................. श्रेष्टिनी............................... ..जि.ता.२०६ पूनसिंह .................... श्रेष्ठी ...............................जि.ता.२०६,२३९ | प्रद्युम्नसूरि ......................... ............. जि.ता.२१७,२४५.२७२,२७९/१ बकुलश्री.. ................ श्रेष्ठिनी. जि.ता.१५ पूनसी ...................... श्रेष्ठी ....................... जि.का.१०८,था.का.६४ प्रबोधचंद्रगणि ............... ...................... जि.ता.२२५,३४० बडुआक जोषी........... लेखक, ..जि.ता.४२० पूनाई.......................श्रेष्ठिनी .......................................त.ता.८ | प्रभवस्वामि............................... ......जि.ता.२३५.२५९,२७२,त.ता.८ बप्पट्टिसूरि .................... .जि.ता.२६७ पूनाक ..................... श्रेष्ठी .................................... जि.ता.२०६ | प्रभाकरगणि ................. ............... जि.ता.३६८ बलवंश.................... .................. जि.का.७१५ पूर्णकलशगणि ..................................... जि.ता.२७०/२,जि.ता.३४० प्रभावती महत्तरा ......... साध्वी ..जि.ता.२१० बलात्कार.................. ............जि.का.१६७० पूर्णतल्ल ................... गच्छ................. ........जि.ता.३४७/२| प्रभास ..................... गणधर जि.ता.२७२ बलालदेवी ............... श्रेष्ठिनी......................................लो.ता.८ पूर्णदेव ...................... श्रेष्ठी ................................ जि.ता.४०३/४ | प्रमोदचंद्र .................. मुनि... जि.ता.३४० बलिराज ................... राजा ............................... थाहरुशा .का.६४ .... जि.ता.२३५ प्रमोदमाणिक्यगणि जि.ता.७१२ बलिराज................... श्रेष्ठी ............ जि.ता.२९/२,३७,८८,९०/३,११९ ...... जि.ता.२३५ प्रमोदमूर्ति ....... .जि.ता.२७०/२ बल्लाल ठ............... श्रेष्ठी .............................. जि.ता.२०६ पूर्णभद्रगणि................. लेखक .........................जि.ता.२०२,२७०/९ | प्रयागदास.................. श्रेष्ठि .जि.का.२४७ बहादुरपुर .................. ...................... जि.का.२९७ ................ २७०/२,जि.का.१२९९/२,१३००/२/३ प्रश्नवाहन ................. कुल ......................... जि.ता.२६०/१,४१९ बहुदेव .................... श्रेष्ठी ............................जि.ता.२३६.३४० गण.. 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SR No.018010
Book TitleJesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year2000
Total Pages665
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size14 MB
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