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________________ नगर श्रेची नगर श्रेष्ठी मुनि, विशेष नामों की सूची- परिशिष्ट १३-५८९ , विशेषनाम ग्रंथांक विशेषनाम किम् ग्रंथांक विशेषनाम किम् ग्रंथांक कटुकासन.. जि.ता.२३७ कर्कसूरि ................... मुनि. जि.ता.१९५,जि.ता.२५२ कान्ह .... महामात्य...... ................मि.ता.२५० कथाकोश................. .ता.२७०/२ कर्णदेव ....... राजा ..............जि.ता.२५९ कान्ह .............. श्रेष्ठी ................ .....जि.ता.४२६ कथारत्नकोश............. जि.ता.२३० कर्णपुर................. जि.का.७१५,७७३ काम (देव).............. श्रेष्ठी नि.का.१२७९ कनककीत्ति पं. ........ जि.का.१६७३ कर्पटवाणिज्य ........ जि.का.७०२ कायस्थ .ज्ञाति .जि.का.२४८ कनकचंद्र .................. जि.ता.२८१ कर्पूरदेवी................... श्रेष्ठिनी जि.ता.१५ कारु सं.................. .जि.का.१४५३ कनकप्रभ.................. जि.ता.२५२ कर्पूरी ...................... श्रेष्ठिनी जि.ता.४२६ कालक .................... श्रेष्ठी ...जि.ता.२५६ कनकप्रियगणि ............ मुनि .................. जि.का.१७५९ कर्मग्रंथप्रकरण ............ ग्रंथ ........ जि.ता.२७२ कालू.................................... ...जि.का.२१७५ कनकसार .................लेखक मुनि.................... .जि.का.१४८३ कर्मग्रंथविचार ............. ग्रंथ ....... .जि.ता.११२ काव्यतीर्थ ................. पदवी ....... ......... जि.का.८५. कनकसोम पं. ........... मुनि. ..जि.का.१६२१ कर्मचंद पं.................................... जि.का.१०८ कासहदीय ......... पसलदार................ गच्छ ...........जि.का.१७७/२ कनौज जि.का.१९४४ कर्मण ठ......................... ..जि.ता.४२६ |कांसा.. ग्राम.. ... जि.ता.२३३ कन्हाई. श्रेष्ठिनी ..............जि.का.१३५२,जि.का.१३६५ | कर्मवाटी... ...........................जि.का.१२३१,१३६३,१७३५ | किरता ........ ....नि.ता.७६ कपरिका (?) ........ .................. जि.ता.२३७ कर्मसार पं. .............. मुनि ....................................जि.का.१४८३ | किसना ................ ...जि.का.१४८३ ................... लेखक ..................................... जि.ता.१९ | कर्मसिंह, ता.७५ काका......................श्रेष्ठी ........ जि.ता.७६,जि.ता.२३१ कपर्दि. ...................... श्रेष्ठी .................................... जि.ता.२३० कलसभवमइंद ............ स्थविर आचार्य ...................... जि.ता.८५/२ कीतिकलशगणि ...... .....................जि.ता.२७२ कपिल ..................... महर्षि ....................... जि.ता.३९१,जि.ता.३९३ | कल्याणकमल पं......... जि.ता.६८/२ कोलिसागरसूरि ......... ..............................जि.का.२४८ कमलकलशसूरि ....... ................ जि.का.५९२ | कल्याणचंद्रगणि........ ........................जि.का.४ | कीर्तिरत्नसूरी......... ....................... जि.का.४.१४७०,१९४६ कमलमंदिरणि ........... लेखक मुनि .....................जि.का.१७२-४०३ कल्याणजी ................ राजा ................... .जि.का.३७० कीर्तिसुंदरमुनि ...... ..जि.ता.३४० कमलरत्नगणि............. मुनि...........................जि.का.१७४६,२०४९ कल्याणदास राउल ...... राजा ...................जि.का.१०८ थाहरु.का.२८९ कोहट ..................... श्रेष्ठी ...जि.ता.४२६ कमलराजगणि............. मुनि ...................................... जि.ता.४२६ | कल्याणविजयवाचक .......... ............जि.का.१७१८ कुडिलूपुरी ................. नगर ...... जि.ता.२१७ कमलसंयम उपाध्याय ... मुनि .....................मि.ता.६८/२,जि.का.९४४ कल्याणसमुदसूरि ................. ..............नि.का.१८३३ कुतबपुर ................... नगर .............. जि.का.८२७ कमलसिंहगणि ............ मुनि ...................मि.का.१७४६,जि.का.२०४९ | कल्ल टभट्ट.................. ..................जि.ता.३३१ कुभमेरगढ................. नगर ............................ .नि.का.८६९ कमलसुंदर................. मुनि .....................................जि.का.४५८ कल्लाणयपंच ............. जि.ता.२५० कुमरपाल ................... राजा ...............................थाहरुशा.का.६४ कमलसूरि ................. मुनि...................................... जि.ता.२३६ | कसरूपजी पं............. .जि.का.१७६९ कुमरपाल .................. ..............जि.ता.२८,जि.ता.५०,जि.ता.५० कमलादे श्रेष्ठिनी ............................... जि.का.१३७७ कंबल....................... ............... जि.ता.३१४/४ कुमरसिंह मंत्री ........... श्रेष्ठी ................... जि.ता.२३९/२,जि.ता.२७१ कमलोदयगणि .......... लेखक मुनि............ जि.का.१०८,जि.का.१३६३, कंबोज .. ...................कु ल ........... .. जि.का.९२५ कुमरसिंह उ.............. लेखक ........ जि.ता.८३/१,जि.ता.९१,जि.ता.१२४ ....................... चारुशा.का.६४ कातंत्रभूषण-न्यास ........ ग्रंथ ...जि.ता.८८ कुमरसिंह .................. श्रेष्ठी ............जि.ता.२८,जि.ता.५०,जि.ता.२०६ करमचंद. ..................मुनि..................................चारुशा .का.६४ | कात्यायन.................. ........ जि.ता.३१४/४ कुमरिका................... श्रेष्ठिनी .................................. जि.ता.२१७ करेणुगत............................................................... जि.ता.२५९ | कानजी ................ लेखक. ................................. जि.का.४०९ |कुमारपल्ली ............... नगर ..................................... जि.ता.२३५ कपर्द श्रेष्ठी ग्रंथकार .............." Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org
SR No.018010
Book TitleJesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year2000
Total Pages665
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size14 MB
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