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________________ सर्व ग्रंथों का अकारादिक्रम - परिशिष्ट १ - ४३५ भंडार| ग्रंथांक -भंडार पत्र संख्या ग्रंथांक पत्र ग्रंथy नाम - संवत् । संख्या कर्ता ....१४०० का ८०४ -४१५ AEEEEEEEEEEEEE .... १-४ गोवर्धन ......... ग्रंथर्नु नाम कर्ता संवत् नाम जि.ता.१५८/१७ ० भक्तामरस्तोत्र ................ मानतुंगसूरि.. ....१४००/१९८-२०३ था.का. १२८ जि.ता.३९७/३ ० भक्तामरस्तोत्र मानतुंगसूरि ..... त.का.७२२ जि.का ७९७ भक्तामरस्तोत्र मानतुंगसूरि ..... जि.का.१२४५/२ जि.का ८०३ भक्तामरस्तोत्र. मानतुंगसूरि ..... जि.का ११९४ भक्तामरस्तोत्र............... मानतुंगसूरि ..... त.का. ७१६ का १३२६/५०० भक्तामरस्तोत्र............... मानतुंगसूरि ... जि.का २१४४ का १६२७ भक्तामरस्तोत्र .................. मानतुंगसूरि .... |जि.का १२१० १६९६ | भक्तामरस्तोत्र................... मानतुंगसूरि २१६०/१६ भक्तामरस्तोत्र ............... ..६३-६८ त.का. ७३७ भक्तामरस्तोत्र ............... जि.का ८०५ त.का. ८४६ | भक्तामरस्तोत्र ................... मानतुंगविजय डूं.का. |७७७ .का. १३०५ भक्तामरस्तोत्र + कल्याणमंदिर ... ७| आ.का. ६४ .का. १३०६ भक्तामरस्तोत्र आदि ..५डूं.का. ११३३ जि.का १६२८ भक्तामरस्तोत्र बालावबोध...... ... १२ डूं.का. १३८/A जि.का ७६६ भक्तामरस्तोत्र बालावबोध अपूर्ण ..... ५ डूं.का. २० जि.का १२५४ भक्तामरस्तोत्र बालावबोधसह .... ...... ६-२४ डूं.का. ५०७ पंचपाठ जि.का.७२४ भक्तामरस्तोत्र भाषा कवित कल्प... घडविधानसहित जि.का.११०७ भक्तामरस्तोत्र भाषाकवित्त ........बनारसीदास ................. १७८३ जि.का १६६३ ० भक्तामरस्तोत्र वार्तिकसह ....... मानतुंगसूरि-मू... | डूं.का. १०० या.क मेरुसुंदरोपाध्याय लो.का ७१३ जि.का. १७०८ भक्तामरस्तोत्र बृत्तिसह ........... मानतुंगसूरि-मू.. ........... र.१४२६ गुणाकरसूरि-वृ............ले.१८५९ जि.का ८७४० भक्तामरस्तोत्र वृत्तिसह त्रिपाठ...मानतुंगसूरि-भू.क.. ..........१८५१ वृ.क.अमरप्रभसूरि था.का,२२१ जि.का. १०२८ भक्तामरस्तोत्र सस्तवक ........... त.का. ७५०/ भक्तामरस्तोत्र सह टब्बार्थ ............... त.का. ४९३ भक्तामरस्तोत्र सह बालावबोध.... प्रमोदगणि भक्तामरस्तोत्र सहावचूरि ................. भक्तामरस्तोत्र सावचूरि................... भक्तामरस्तोत्र सावचूरिक पंचपाठ .......... भक्तामरस्तोत्रकथा भक्तामरस्तोत्रभाषाकबित ...... हेमराज भक्तामररतोत्रवृत्ति .............. मानतुंगसूरि-मू.क. यू.क.समयसुंदर भक्तामरस्तोत्रसहवृत्ति .... ................१८२८ भक्तामरस्तोत्र सार्थ मानतुंगसूरि ...... भक्तामरवृत्ति .......... शंकरदासमुनि... . ૧૮૭૨ भक्तामरवृत्ति ................ .१४२६ भक्तामरसुबोधिका टीका ..... ૧૮૨૬ ० भक्तामरस्तवटीका ... देवसूरी ले..... १९०७ भक्तामरस्तोत्र... मानतुंगसूरि ... .१८२६ भक्तामरस्तोत्र... मानतुंगसूरि भक्तामरस्तोत्र ............... मानतुंगसूरि. भक्तामरस्तोत्र ............. भक्तामरस्तोत्र + वैराग्यसज्झाय. भक्तामरस्तोत्र बालावबोध .. भक्तामरस्तोत्र बालायबोध सहित... मानतुंगसूरि . भक्तामरस्तोत्र भाषा गोटका ....पूर्वाचार्य भक्तामरस्तोत्र सटीक ............ मानतुंग सूरी. भक्तामरस्तोत्र सटीक ............ मानतुंगसूरि ... भक्तामरस्तोत्र सह रब्बार्थ बेटक ... मानतुंगसूरि... भक्तामरस्तोत्र सह बालावबोध..मानतुंगसूरि ... भक्तामरस्तोत्र सह बालावबोध... मानतुंगसूरि .... भक्तामरस्तोत्र सह बालावबोध ... मानतुंगसूरि ..................१८६९ १-५ AIIALA सालों का ५८५ .......१८ Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org
SR No.018010
Book TitleJesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year2000
Total Pages665
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size14 MB
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