SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 406
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नाग 2 0 १९०१ W 10 ३५८ - सर्य ग्रंथोंका अकारादिक्रम - परिशिष्ट १ भंडार ग्रंथांक | पत्र | भंडार ग्रंथर्नु नाम नाम संवत् ग्रंथांक संख्या जि.ता.५१ . कल्पचूर्णी अपूर्ण ....१५००-२४-३५६||जि.ता ५५ ० आ.का ३६१ कल्पप्रदीप ..... ५५ ता,४८० कल्पबृहद्भाष्य प्रथम खंड .... ..१५००/......३११/ जि.ता ४९ कल्पबृहद्भाष्य प्रथमखंड ...१४९०......२०२ जि.ता/५२ जि.ता/४७/२ ०कल्पलघुभाष्य संघदासगणि क्षमाश्रमण ....१४८८..१३-२३८ जि.ता. ३९६/३ ०कल्पलघुभाष्य... ..... १५ जि.का १४०१ जि.ता. ४६ ०कल्पलघुभाष्य.................. संघदासगणि क्षमाश्रमण ....१३०० ......१७९|| त.का. (बृहत्कल्पलघुभाष्य) अपूर्ण जि.ता.५८६ ०कल्पलघुभाष्य त्रूटक अपूर्ण.... |९१७ कल्पलता नामनी कल्पसूत्रटीका समयसुंदर १७६७ ३१७ ० कल्पलताविवेक(कल्पपल्लवशेष) १२०५ जि.ता.३१६/२ ० कल्पलताविवेक(कल्पपल्लवशेष) १३०० चतुर्थ परिच्छेद जि.ता/३१६/१ ०कल्पलताविवेक(कल्पपल्लवशेष) १३०० ......२५९ तृतीयपरिच्छेद अपूर्ण पर्यंत जि.ता.५८/३ ०कल्पविशेषचूर्णी ........ जि.ता.५८/ ४ ०कल्पविशेषचूर्णी .. २४९-३०५ ६३ कल्पविशेषचूर्णी ................ .....१०४(२०९० ...२१९८) ०कल्पवृत्ति तृतीयखंड .............वृ.क. क्षेमकीर्ति आचार्य . र.१३३२ .....२९६ .ले.१४८९ कल्पवृत्ति तृतीयखंड ..............क.क्षेमकीर्ति आचार्य ....१५०० कल्पवृत्ति द्वितीयखंड ............व.क. क्षेमकीर्ति तपा... त.का. २८९/A जि.ता./५८/१ . कल्पवृत्ति द्वितीयखंड २८९-३९६ त.का. ३०० कल्पवृत्ति द्वितीयखंड .. ....१४०३ २७६-४२२ जि.ता ८२/३ | कल्पवृत्ति पीठिका अनंतरवर्ती ..वृ.क. क्षेमकीर्ति आचार्य |....१५००/......३१५||जि.ता/४०/१ विभाग अपूर्ण " पत्र ग्रंथनुं नाम कर्ता संवत् संख्या कल्पवृत्ति पीठिकासहित ......... वृ.मलयगिरि आचार्य, .. | प्रथमखंड, मासकल्पप्रकृत ....... तथा क्षेमकीर्ति तपा. ........१३७८......२०७ पर्यन्त प्रथम अउद्देश कल्पवृत्ति प्रथमखंड .............. वृ.क.मलयगिरि आचार्य मासकल्पप्रकृत पर्यन्त ............ तथा क्षेमकीर्ति तपा..........१४८८ ......३३१ कल्पसत्र सस्तवक अपूर्ण ......... भद्रबाहुस्वमी-क. ........ कल्पसुत्र सह अवचुरी....... कल्प सूत्र............... कल्प सूत्र......................... मुनिसुंदर-ले. ................. १७५८ कल्प सूत्र...................... १७९९ कल्प सूत्र................... कल्प सूत्र........................ जितरंगगणि ................. १८७५ कल्प सूत्र......................... शंकरमुनि......... कल्प सूत्र......................... भेरुमुनि .................. कल्प सूत्र.................... अमरचंद्र ૧૮૬ર कल्पसूत्र.... कुशलमुनि ......... कल्पसूत्र.... विनयचंद -ले...... कल्पसूत्र. १-४१ कल्पसूत्र. भद्रबाहुस्वामि 3E७-४०० कल्पसूत्र.... कल्पसूत्र. भद्रबाहुस्वामि ................१८३१ कल्पसूत्र..... ..१५३२ ...... १०६ कल्प सूत्र.......... .......९० कल्पसूत्र (अष्टम) वाचना ............ कल्पसूत्र (पर्युषणाकल्प)........ भद्रबाहुस्वामी ....................... २७६-३०५ ..१-७४ ० कल्पसूत्र (पर्युषणाकल्प- ....... भद्रबाहुस्वामी ...... दशाश्रुतस्कंधसूत्र अष्टमाध्ययन) ' ' ૧૮૬ર ढूं.का. .......४६ EEEEEEEE ....१४९० ....१६९७ Jain Education International For Private &Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.018010
Book TitleJesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year2000
Total Pages665
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy