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________________ संवत् ............... १८१८ जि.का १७६ ३३२ - सर्व ग्रंथों का अकारादिक्रम · परिशिष्ट १ भंडार ग्रंथांक | ग्रंथर्नु नाम कर्ता नाम था.का. १७२ अन्तकृत तथा ..... अनुत्तरौपपातिकदशांग वृत्ति अन्तकृदशांगसूत्र ...... सुधर्मा गणधर अन्तकृदशांगसूत्र सुधर्मा गणधर. अन्तकृदशांगसूत्र .... सुधर्मा गणधर .... अन्तकृशांगसूत्र ........ सुधर्मा गणधर ....... अन्तकृद्दशांगसूत्र ........ सुधर्मा गणधर ............. अन्तकृदशांगसूत्र ....... सुधर्मा गणधर .. अन्तकृदशांगसूत्रवृत्ति ........ |सुधर्मास्वामी. लों का ३६ अन्तकृहशांगसूत्र मूल .......... सुधर्मास्वामी. अन्यस्तवन ..... त.का. ४८९ अन्योक्तिबावनी.... त.का. ३७ अन्तकृशांगसूत्र ............... सुधर्मा गणधर जि.ता|३५३ अपभ्रंशकाव्यत्रयी त्रूटक ...... जि.का ९४४ अपवर्गनाममाला .. जि.ता. २७६ अभयकुमारचरित्र .चंद्रतिलकोपाध्याय...... .र.१३१२ .ले.१५०० जि.ता २७७ अभयकुमारचरित्र चूटक ... ....१५०० जि.का १९८९ अभयकुमाररास अपूर्ण ..........-पद्मराज.... र.१६५० था.का.४१ अभयकुमारचौपाई ............... पद्मराज.... आ.का ३४८ अभिधान चिंतामणी नाममाला डूं.का. ६८७ अभिधान चिंतामणी बीजक...... जि.का २०२७ अभिधान चिंतामणिनाममाला...- हेमचंद्राचार्य, इं.का. ११०४ अभिधानचिंतामणि नाममाला ...- हेमचंद्राचार्य अभिधानचिंतामणि नाममाला...आ.हेमचन्द्र लो.का, २१४ अभिधानचिंतामणि नाममाला.. झूटक पत्र भंडार| पंचांक ग्रंथन नाम संख्या कर्ता | संवत् नाम ११ जि.का १७८ अभिधानचिंतामणि नाममाला... हेमचंद्राचार्य... बेटक-अपूर्ण का १७७ अभिधानचितामणि नाममाला... हेमचन्द्राचार्य.. अपूर्ण अभिधानचिंतामणि नाममाला .... हेमचंद्राचार्य .............. द्वितीयकांड आ.का ७३ अभिधानचिंतामणि शेष...... १८२५० अभिधानचितामणि सटीक ............. बृहदवृत्ति ....... त.का. ११२७ अभिधानचिंतामणिटीका ......... हेमचंद्राचार्य जि.का ७०२ ० अभिधानचिंतामणिनाममाला ..... हेमचन्दाचार्य........ जि.का २०४९ अभिधानचिंतामणिनाममाला ... |जि.का ४९८ अभिधानचिंतामणिनाममाला ..... हेमचंद्रसूरि .............. अपूर्ण जि.का १७८१ अभिधानचिंतामणिनाममाला ...... | हेमचंद्राचार्य ..... अपूर्ण २२० |जि.का १७०५ .अभिधानचिंतामणिनाममाला ..../हेमचंद्राचार्य स्योपज ... ........ स्योपाटीका जि.का १७७६ ० अभिधानचिंतामणिनाममाला स्वोपज्ञटीकासह ........ हेमचंद्राचार्य .......... जि.ता.३१३/१ ० अमिधानचिंतामणिनाममाला स्वोपज्ञवृत्तिसह चतुर्थकांड ... हेमचंद्राचार्य स्वोपज्ञ.... जि.ता.३१३/२ ० अभिधानचिंतामणिनाममाला स्वोपज्ञवृत्तिसह पंचमषष्ठकांड ... हेमचंद्राचार्य स्वोपज्ञ.... जि.का १७९ अभिधानचिंतामणिनाममाला .. हेमचंद्रसूरि १७ इं.का. १८ अभिधानचिंतामणी ........ हेमचंद्रसूरि. इं.का. १६८ अभिधानचिंतामणी .... हेमचंद्राचार्य अभिधानचिंतामणी हेमचंद्राचार्य .... १६५ Jain Education International For Private&Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.018010
Book TitleJesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year2000
Total Pages665
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size14 MB
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