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३०४ |ग्रंथांक
तपागच्छ कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - श्री सुपार्श्वनाथ जैन मंदिर जैसलमेर झेरोक्षसी .डी. ग्रंथान
विशेष नोंध
भाषा
संवत्
। पत्र संख्या -
४०......
.. १८९५
ग्रंथनू नाम सूर्यस्तोत्र......... प्रायश्चितप्रदानविधि .............. चैत्रीपूर्णिमापुंडरीकआराधना ....... भक्तामरस्तोत्र........................ प्रवज्याविधि......... प्रवज्याविधि.. वीशस्थानकविधि बारव्रतना प्रत्याख्यानआलावा चैत्रीपूर्णिमापुंडरीकआराधना .. पौषधविधि साधुविज्ञप्तीपत्र ....
.... १७६२ ..... १८९९ ..... १८७० ..... १८७६
...........७०३... ७८०.३२८/
.३३०
................
१८१२
मणीभद्रछंद आबुतीर्थस्तवन ................ रूपचंद मौनएकादशीव्याख्यान सह स्तवन ......... तीर्थकर अतिशय स्तवन ...................... विचारपत्र............................ प्रत्याख्यानपाठ......................... महावीर २७ भवस्तवन...................... कल्याणमंदिर ............................... जीरावलापार्श्वनाथस्तवन................... लावण्यसमय..... सज्झायसंग्रह शांतिनाथविवाहली.. पंचनिर्ग्रन्थीसंग्रहणी पंचनिम्रन्थीसंग्रहणी अष्टप्रकारीपूजा.
आवश्यकसूत्राणि व पाठ. ७९६/A..... प्रवचनसारोद्धार ...
............ १६५६
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