SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 338
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ तपागच्छ कागळनो हस्तलिखित ग्रंथभंडार - श्री सुपार्श्वनाथ जैन मंदिर - जैसलमेर झेरोक्ष सी.डी. ग्रंथान । विशेष नोंध कता भाषा __संवत् । पत्र संख्या .........१६८६ ........... १८५० .......... १७१३ ..१७७९ .. १५५७ ४०३.... ...४०३...४७२ ૧૬૪૧ ....प्रथम पृष्ठ नहीं हिन्दी २९० |ग्रंथांक ग्रंथन नाम ३९६ ...... चंपकरास ............. सोमविमलसूरि ३९७ ..... गुणावली गुणकरंडकचौपाई ...... ३९८.. तेजसारचौपाई ...... कुशलराज ...... नलदमयंतीरास............................ समयसुंदर .... too.. पांडवद्रौपदीचौपाई........................ कनककीर्ति ४०१... हंसराज बच्छराजचीपाइ.................. जिनउदयसूरी खरतरगच्छ..... आषाढाभूतिचौपाई ................... ज्ञानप्रबोध..... यादवाधिकार + वसुदेवकुमार चौपाई ...... हर्षकुलगणि... ४०४ ... पांडवद्रौपदीचौपाई ....... समयसुंदर ... सुदर्शनसेठरास ......................... उदयरंग... त्राधम विवाहलो ................ थावच्चापुत्र संधि ..................... समयसुजान..... आनंदसंधि ............. श्रीसार शत्रुजय (उदार) रास ................. ऋषभदास ........ अमरसेनजयसेनरास .................. सुमतिहंस. ब्रह्मचर्यनीवाडगीत .................. जिनहर्ष रत्नचूडचौपाई .......... हिरकलश..... लीलावतीचौपाई .... हेमरत्न ......... आदीश्वरवाहुबलीयुगलाधिकार .. श्रीपालचौपाई.. ज्ञानसागर. चन्द्रलेखारास धर्मरत्न जयविजयचौपाई... मतिकुशल रत्नसारचौपाई ... सहजसुंदर आषाढाभूतिचौपाई ..... ज्ञानसागर हरिवंशकुलविचार .... ...... मौनएकादशीमाहात्म्य + आवश्यक (चउवीसस्तव)बालाववोध ....... रविसागर 2362349 मार. १७४५ .मार.. વછર ..गु............... १६६८ .मार. ............ १७६१ १८४८ ૧૬૬૦ १७३४ १८८७ १६५७ १५८२ १८०५ in Education International For Private & Personal Use Only www. brary.org
SR No.018010
Book TitleJesalmer ke Prachin Jain Granthbhandaron ki Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year2000
Total Pages665
LanguageHindi
ClassificationCatalogue & Catalogue
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy